Monday, 28 October 2024

लव आजकल - 3


अगले दिन विहान फिर से इशिका के लिए एक गिफ्ट लेकर पहुंचा। इशिका ने उसे वो फिर से वापिस करते हुए कहा, “मैं ये गिफ्ट्स से इंप्रेस नही होने वाली हूं। मुझे इंप्रेस करना है ना तो कुछ पुराना सोचो।” 


इशिका वहां से चली गई पर विहान को उलझन में डाल गई। वो उसकी कही बात के बारे में सोचते हुए खोया हुआ चल ही रहा था की तभी सामने से आता हुआ अभय उससे टकरा गया क्योंकि अभय भी काशवी से बात करते हुए खोया हुआ ही चल रहा था। अभय ने झुंझलाते हुए फोन काटा और विहान को देखकर कहा, “तेरी तबीयत ठीक है ना। सामने से आते लोग भी दिखाई नही दे रहे है तुझे।“ 


“इन दिनों तबीयत ही तो ठीक नही है मेरी। एक लड़की ने इतना उलझा दिया है मुझे। ऊपर से उसकी बातें भी मुझे समझ नही आ रही।” विहान ने कहा। 


“अब क्या कह दिया इशिका ने तुझे?” अभय ने पूछा तो विहान ने उसे देखते हुए कहा, “इशिका ने कहा है की अगर मुझे उसे इंप्रेस करना है तो मुझे कुछ पुराना सोचना पड़ेगा।“ 


“क्या? पुराना सोचना पड़ेगा से क्या मतलब?” अभय ने पूछा।


“मतलब तो नही पता पर इशिका क्या कमाल की लड़की है यार। अकसर लड़किया कहती है की उन्हें इंप्रेस करने के लिए कुछ नया सोचो। इशिका कुछ अलग ही बोलकर गई है। कितनी ब्यूटीफुल और डिफरेंट है वो।” विहान ने इशिका के ख्यालों में खोए हुए कहा। 


“क्या कमाल की लड़की से प्यार हुआ है तुझे।” अभय ने हल्का सा मुस्कुराते हुए कहा। 


वो दोनों थोड़ा साइड होकर खड़े हो गए। विहान ने उसे देखा और पूछा, “भाई, तुझे तो लव मैटर्स का बहुत एक्सपीरियंस है। तुझे तो पता ही होगा की इशिका के कुछ पुराना सोचो कहने का मतलब क्या था? मेरा तो पहला प्यार है इसलिए मुझे तो समझ नही आया।” 


“भाई मेरी गर्लफ्रेंड, जिसकी वजह से मुझे लव मैटर्स का एक्सपीरियंस है, तेरी इशिका से बहुत ज्यादा अलग है। तूने इशिका को इतने गिफ्ट्स दिए फिर भी वो तुझे इंप्रेस नही हुई और कशवी, तेरी वजह से रोज मैं उसे एक गिफ्ट देता था जाकर, उन सब से वो इतनी खुश है ना की मैं बता भी नही सकता। तो भाई मैं मॉडर्न जमाने के लव का एक्सपीरियंस रखने वाला हूं। ये पुराना क्या है, ये मेरी समझ से बाहर है और तू मुझसे क्या कह रहा है, उनके पास जा न जिनके पास मेरे से भी ज्यादा एक्सपीरियंस है लव लाइफ का।” अभय ने कहा।


“तू किसकी बात कर रहा है?” विहान ने पूछा।


अभय ने उसे मुस्कुराते हुए देखा और कहा, “मेरे रिलेशनशिप की इंस्पिरेशन और तेरे होने वाले रिलेशनशिप की बनने वाली इंस्पिरेशन। तेरे मॉम डैड अपनी महान लव स्टोरी के साथ।” 


विहान ने अभय को थोड़ी देर तक ऐसे देखा जैसे उसने पता नही क्या कह दिया हो और फिर उससे पूछा, “ये बात तूने सोच समझकर बोली है या ऐसे ही बोल दी?” 


“सोच समझकर कही है। क्यों?” अभय ने कंफ्यूज होते हुए पूछा।


विहान ने उसके सिर पर हल्के से मारा और कहा, “मेरी लव स्टोरी की अभी शुरूआत तक नही हुई है और तू कह रहा है की मैं अपने पेरेंट्स को इन्वॉल्व करूं पहले ही।” 


“मैंने तो तेरे भले के लिए ही कहा था। अब तेरी वाली के पुराना सोचो का मतलब शायद ओल्ड स्कूल लव से था और ओल्ड स्कूल लव का सबसे ज्यादा एक्सपीरियंस तेरे पेरेंट्स को है। वही है जो तेरी प्रेम की नैया पार लगवा सकते है। उनको तो इन्वॉल्व करना ही पड़ेगा।” अभय ने उसे समझाते हुए कहा। 


“उनसे बात करेगा कौन? पता नही वो कैसे रिएक्ट करेंगे ये जानकर। अगर उन्होंने टिपिकल इंडियन पेरेंट्स की तरह बिहेव किया तो।” विहान ने अपने मन में बहुत कुछ सोचते हुए कहा।


अभय ने उसे हंसते हुए देखा और कहा, “तू अपने पेरेंट्स से डरता है। इतने कुल है यार वो दोनों। मैं तो सोचता हूं की काश वो मेरे पेरेंट्स होते।“ 


“चल फिर मेरे साथ। अब उनसे बात करने में तू मेरा साथ देगा।” विहान ने उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा। 


“भाई, मेरी क्लास है।” अभय ने उसे रोकने की कोशिश करते हुए कहा लेकिन विहान नही रुका और उसने कहा, “आगे तो क्लास तूने सिर्फ अटेंडेंस के लिए ही अटेंड की है हर बार। आज तुझे पढ़ाई याद आ रही है।” 


“भाई लेकिन बात तो तू ही करेगा न अपने पेरेंट्स से।” अभय ने कहा। अबतक वो दोनों विहान की बाइक के पास आ गए थे। विहान ने बाइक पर बैठकर उसे देखा और कहा, “तू साथ खड़े रहना सपोर्ट के लिए।” 


अभय सिर हिलाते हुए उसके पीछे बाइक पर बैठ गया और वो दोनों विहान के घर आ गए। विहान ने घर के अंदर आकर देखा की राज और सिमरन लिविंग रूम में बैठे हुए थे। उसने थोड़ा नर्वस होते हुए अभय से कहा, “यार मुझे नर्वसनेस हो रही है। पता नही इनके रिएक्शंस क्या होंगे इशिका के बारे में जानकर।” 


अभय उससे कुछ कहने ही वाला था की तभी राज की नजर उन दोनों पर पड़ी और उन्होंने कहा, “अरे विहान, अभय! तुम दोनों ऐसे बाहर क्यों खड़े हो। अंदर आ जाओ।” 


“नमस्ते अंकल। नमस्ते आंटी।” अभय ने विहान के साथ अंदर आते हुए कहा।


“नमस्ते। तुम दोनों को इस वक्त कॉलेज में नही होना चाहिए। यहां क्या कर रहे हो तुम दोनों।” सिमरन ने पूछा। 


“वो आंटी विहान को आप दोनों से कुछ बात करनी है।” अभय ने जल्दी से कहा।


ये सुनकर सिमरन और राज ने विहान को देखा तो विहान थोड़ा नर्वस हो गया और उसने कहा, “मैं बताऊंगा पर पहले आप दोनों मुझे प्रॉमिस करे की आप स्ट्रिक्ट टिपिकल इंडियन पेरेंट्स की तरह बिहेव नही करेंगे।” 


राज ने उसे देखा और कहा, “तुम्हें हम ऐसे लगते है क्या। बात बताओ क्या है।” 


“वो मम्मी पापा एक लड़की है जिसे…,” विहान ने अभी इतना ही कहा की राज ने उसे आगे न बोलने का मौका देते हुए सिमरन से कहा, “देखा सिमरन मैंने तुमसे कहा था ना की किसी लड़की का चक्कर होगा विहान के साथ।” 


उनकी ये बात सुनकर विहान ने हैरानी से उन दोनों को देखा और पूछा, “आप दोनों को कैसे पता पापा?” 


“बेटा, जिस स्कूल में तुम एडमिशन लेने का फॉर्म भरने की कोशिश कर रहे हो ना हम उसके प्रिंसिपल है कई सालों से। मैंने तो तभी अंदाजा लगा लिया था जब तुम रोज पिछले बीस दिनों सुबह जल्दी ही कॉलेज के लिए निकल जाया करते थे।” राज ने कहा। विहान बस हैरानी से उन दोनों को देखता रहा। 


Continued in लव आजकल - 4




Saturday, 26 October 2024

लव आजकल - 2

 


कॉलेज में सभी लड़के इशिका के पीछे पड़े हुए थे। वो जब से कॉलेज में आई थी, रोज उसे हर कोई अलग अलग तरीकों से इंप्रेस करने की कोशिश में लगा हुआ था। कोई उसे अलग अलग गिफ्ट्स दे रहा था तो कोई उसे सीधा कॉफी डेट पर ले जाने के लिए कह चुका था। कई लड़के तो उसे लव नोट्स लिखकर भी भेज रहे थे। इशिका इन सब से सच में बहुत परेशान हो चुकी थी लेकिन वो किसी की भी शिकायत नही करना चाहती थी।


वही दूसरी तरफ विहान भी अभय से इस बारे में बात कर रहा था की वो इशिका को कैसे इंप्रेस करे। विहान ने जब बताया की उसे इशिका पहली नजर में ही पसंद आ गई है तो अभय ने कहा, “मुझे पता था की तुझे भी इशिका जरूर पसंद आएगी। पूरा कॉलेज उसके पीछे दीवाना हो रखा है।” 


“बेशक पूरा कॉलेज उसके पीछे दीवाना है लेकिन वो सिर्फ तेरे भाई के पीछे दीवानी होगी। देखता जा बस तू।” विहान ने कहा।


“पर भाई तू उसे इंप्रेस कैसे करेगा? पिछले दिनों में बहुत लड़कों ने उसे इंप्रेस करने की कोशिश की है अलग अलग तरीकों से लेकिन वो किसी से भी इंप्रेस नही हुई।” अभय ने उसे देखते हुए कहा।


ये सुनकर विहान मुस्कुराया और उसने कहा, “क्योंकि वो तेरे भाई से इंप्रेस होगी।” 


“उसे इंप्रेस करने के लिए तुझे बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे। इतनी आसानी से इंप्रेस नही होगी वो। उसे देखकर लगता है की उसे एक्सपेंसिव गिफ्ट्स देकर इंप्रेस करना होगा।” अभय ने कहा। 

“करूंगा। उसके लिए सब कुछ करूंगा।” विहान ने कुछ सोचते हुए कहा। 


घर जाने से पहले विहान ने शॉपिंग मॉल जाकर इशिका के लिए एक प्यारी सी ड्रेस खरीदी और घर आ गया। उससे तो इंतजार नही हो रहा था की तब वो अगले दिन कॉलेज जाकर इशिका को ये गिफ्ट दे। 


अगली सुबह विहान इतनी जल्दी जल्दी नाश्ता करने में लगा हुआ था की खाते खाते खाना उसके गले में अटक गया और वो खांसने लगा। सिमरन ने जल्दी से उसे पानी देकर उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा, “आराम से खाओ न विहान। तुम तो इतनी जल्दी खा रहे हो जैसे आज तुम्हारे कॉलेज में सबसे पहले आने का कंपटीशन है जिसमें तुम लेट पहुंचे तो लास्ट आ जाओगे।” 


“सॉरी मॉम।” विहान ने पानी पीकर कहा और आराम से खाने लगा। नाश्ता करकर वो जल्दी से कॉलेज के लिए निकल गया। उसे जाते देख सिमरन ने कहा, “पता नही इस लड़के को हो क्या गया है? आज से पहले तो ये कभी इतनी जल्दी कॉलेज नही जाता था।” 


“मुझे लगता है की हमारे बेटे को कोई लड़की पसंद आ गई है। पक्का प्यार का चक्कर है जो विहान आज इतनी जल्दी कॉलेज जाना चाहता था।” राज ने कहा। 


सिमरन ने उसे देखा और कहा, “कुछ भी मत कहो तुम। आज से पहले तो मैंने देखा नही की कोई लड़की विहान की दोस्त हो।” 


“अरे, बेटा तो हमारा ही है। जब हमें प्यार हो सकता है तो उसे किसी से प्यार क्यों नही हो सकता। भूल गई वो दिन जब हम भी एक दूसरे से मिलने के लिए जल्दी जल्दी कॉलेज आया करते थे।“ राज ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा। 


“वो सारे दिन तो मैं जिंदगी भर नही भूलूंगी।“ सिमरन ने मुस्कुराते हुए कहा।


“विहान के साथ पक्का लड़की का चक्कर है। प्यार हो गया है उसे। देख लेना तुम।“ राज ने कहा तो सिमरन ने कहा, “ऐसा कुछ हुआ तो विहान हमें बता ही देगा।” 


कॉलेज पहुंचकर विहान ने इशिका को ढूंढना शुरू कर दिया। थोड़ा ढूंढने के बाद इशिका उसे अपनी दोस्तों के साथ कॉलेज के गार्डन में खड़ी हुई दिखाई दी। 


विहान ने एक गहरी सांस ली और इशिका के पास आकर उसे हेलो कहा। इशिका ने उसे देखा और कहा, “मैं तुम्हारी क्या हेल्प कर सकती हूं।” 


अभय भी इस वक्त वहीं था और उन्हें छुपकर देख रहा था। विहान इशिका को सामने देखकर बिल्कुल भूल गया था की उसे इशिका से क्या कहना था। इशिका ने फिर से विहान से वही सवाल पूछा तो विहान ने बहुत हिम्मत करके इशिका के लिए लाई हुई ड्रेस अपने बैग से निकालकर उसे दी और कहा, “ये मैं तुम्हारे लिए लाया था। आई होप तुम्हें पसंद आएगी।” 


इशिका ने अपने हाथ में पकड़ी हुई ड्रेस को देखा और उसे विहान को वापिस देते हुए कहा, “मुझे इन सब में इंटरेस्ट नही है। ये ड्रेस तुम ही रखो।” 


इशिका वहां से अपने दोस्तों के साथ चली गई। विहान उसे जाता हुआ देख सोचने लगा की इशिका के कहने का मतलब क्या था। वो वही खड़ा ये सब सोच ही रहा था की तभी अभय उसके पास आया और उसने कहा, “तो मिस इशिका शर्मा की रिजेक्शन लिस्ट में तेरा नाम भी शामिल हो ही गया।” 


“ऐसा कुछ नही है। मैं उसे इंप्रेस करके रहूंगा। फिलहाल तू ये ड्रेस पकड़। अपनी गर्लफ्रेंड को दे देना।” कहते हुए विहान ने वो ड्रेस अभय को दे दी। 


“काशवी तो ये ड्रेस देखकर मुझसे इंप्रेस हो जाएगी पर इशिका तूझसे इंप्रेस होगी, ये मुझे फ्यूचर में नही होता हुआ नज़र आ रहा है।” अभय ने कहा। 


“तू मेरा दोस्त है या दुश्मन।” कहकर विहान आगे जाने लगा। 


अभय उसके पीछे आया और कहा, “मैं तेरा दोस्त ही हूं भाई। चल कैंटीन चलते है।” 


अगले दिन विहान ने इशिका को एक परफ्यूम गिफ्ट किया लेकिन इशिका ने उसे वो भी वापिस कर दिया। ऐसे करते करते विहान पूरे बीस दिन तक रोज इशिका को कुछ न कुछ गिफ्ट देता रहा लेकिन इशिका को कोई फर्क ही नही पड़ा। अगर इन सब से किसी को फर्क पड़ा था तो वो था अभय क्योंकि जो गिफ्ट्स इशिका विहान को वापिस कर देती, वो उन्हें अभय को दे देता और अभय उन्हें आगे अपनी गर्लफ्रेंड को दे देता जिससे उसकी गर्लफ्रेंड उससे बहुत खुश हो जाती। 


विहान बहुत ही ज्यादा परेशान था ये सोचते हुए की अब ऐसा क्या करे जिससे इशिका इंप्रेस हो। उसे कुछ समझ नही आया तो उसने फैसला किया की इशिका को एक बार और कोई गिफ्ट देकर इंप्रेस करने की आखिरी कोशिश करेगा। वहीं इशिका इस वक्त अपनी दोस्त के साथ अपने कमरे में बैठी हुई थी और वो सब विहान के बारे में ही बातें कर रही थी। 


“यार इशिका इतना अच्छा लड़का है वो। इतने एफर्ट्स कर रहा है तुम्हारे लिए। बाकी लड़को ने तो सिर्फ एक या दो दिन में ही हर मान ली लेकिन ये बेचारा पूरे बीस दिन से लगा हुआ है तुम्हें इंप्रेस करने में।” इशिका की बेस्ट फ्रेंड, काजल ने कहा। 


“लेकिन उसे वो करना चाहिए न जो मैं चाहती हूं।” इशिका ने कहा।


काजल ने उसे देखा और कहा, “ओह हो, इशिका। अब उस बेचारे को ख्वाब थोड़ी आएगा की आज के इस मॉडर्न जमाने में भी तुम नाइंटीज वाला ओल्ड स्कूल लव चाहती हो। ये तो तुम्हें ही उसे बताना होगा न।” 


इशिका विहान के बारे में सोचने लग गई।



Continued in लव आजकल - 3

Friday, 18 October 2024

लव आजकल - 1

 


आज जैसे ही विहान ने अपने कॉलेज में कदम रखा, उसे वहां का माहौल रोज के दिनों से काफी अलग लगा। जहां पूरे कॉलेज के स्टूडेंट्स क्लास में कम बैठकर कैम्पस में घूमते रहते थे, वही आज उसे कैम्पस में सिर्फ लड़कियां ही दिखाई दी। 


वो अंदर आया तो उसे कारिडोर में अपना सबसे अच्छा दोस्त, अभय खड़ा हुआ दिखाई दिया। उसने उसके पास आकर पूछा, “हमारा कॉलेज गर्ल्स कॉलेज बन गया है क्या? आज कोई लड़का नजर ही नही आ रहा।” 


“आ दिखाता हूं तुझे की सारे लड़के कहां है।” कहते हुए अभय विहान को लाइब्रेरी के बाहर ले आया जहां सभी लड़के भीड़ लगाकर खड़े थे और बार बार अंदर देखने की कोशिश कर रहे थे। ये सब देख विहान ने पूछा, “ये सब ऐसे लाइब्रेरी के बाहर भीड़ लगाए क्यों खड़े है?” 


“भाई, वो क्या है न कि होली के टाइम पर कॉलेज में दिवाली वाला पटाखा आया है। उसी पटाखे को देखने के लिए ये सब ऐसे खड़े है।” अभय ने कहा। 


“पागल हो गए है ये सब। चल क्लास में चलते है।” कहकर विहान क्लास की तरफ जाने लगा। 


“भाई, वो लड़की सच में बहुत खूबसूरत और हॉट है यार। तू एक बार उसे देखेगा न तो देखता ही रह जाएगा और पहली नजर में ही तुझे उससे प्यार हो जाएगा। तुझे ऐसा लगेगा की तेरे आसपास इश्क की हवाएं चलने लग गई है। वायोलिन बजने लगेगा और बटरफ्लाईज फील होंगी।” कहते हुए अभय विहान के पीछे पीछे आया। विहान ने उसे देखा और कहा, “ऐसा सिर्फ मूवीज में होता है। ये हकीकत है और पता नही तुझे मेरे सिंगल होने से क्या प्रोब्लम है।” 


विहान क्लास के अंदर जाकर बैठ गया। अभय उसके पास आकर बैठा और कहा, “तुझे देखकर किसी एंगल से नहीं लगता की तेरे पेरेंट्स की इतनी रोमेंटिक लव स्टोरी होगी। रोमांस का आर तक नहीं है तेरे अंदर।” 


“मुझे मेरे पेरेंट्स की लव स्टोरी की याद मत दिला। रोज ही सुनता हूं पापा से मैं उनकी महान ओल्ड स्कूल लव स्टोरी।” विहान ने चिढ़ते हुए कहा।


“उनकी लव स्टोरी को ऐसा मत कह यार। उनकी लव स्टोरी मेरे लिए इंस्पिरेशन है।” अभय ने कहा तो विहान ने उसे कुछ नही कहा। 


प्रोफेसर ने आकर लेक्चर शुरू किया तो विहान ने अपना सारा ध्यान उसमें लगा लिया। लेक्चर खत्म होने के बाद विहान अभय के साथ कैम्पस के गार्डन में आकर बैठ गया। वो दोनों आपस में बातें कर ही रहे थे की तभी विहान की नजर सामने से आती हुई लड़की पर गई और वो बातें करते करते रुक गया। 


हल्के नीले रंग की ड्रेस में वो लड़की बहुत ही प्यारी लग रही थी। उसके लंबे काले बाल खुले हुए थे और चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी। हल्की धूप में उसका गोरा रंग चमक रहा था। सभी लड़कों की नज़रें उसके ऊपर ही थी। 


अभय ने जब महसूस किया कि विहान बोलते बोलते रुक गया है और सामने देख रहा है, तो उसकी नजरों का पीछा करते हुए उसने भी सामने देखा। विहान एकटक उस लड़की को देखे जा रहा था। उसे ऐसे देख अभय ने कहा, “क्यों भाई, चलने लग गई न इश्क की हवाएं, वायोलिन बजने लगा और बटरफ्लाईज फील हो रही है?” 


“हां, यार।” विहान ने उस लड़की को मुस्कुराकर देखते हुए कहा। वो इतना खो गया था की उसे अपने आसपास का कोई होश ही नही था। वो होश में तब आया जब वो लड़की उसके पास से होकर निकली और उस लड़की के परफ्यूम की तेज खुशबू विहान की नाक से टकराई। 


अभय ने उसे देखा और पूछा, “हो गया न पहली नजर में ही प्यार?” 


“कुछ भी बोल रहा है तू।” विहान ने उससे नज़रे चुराते हुए कहा। 


“हां हां, कुछ भी बोल रहा हूं मैं।” अभय ने कहा तो विहान ने उसे देखकर पूछा, “कौन थी ये लड़की? पहले तो इसे कभी यहां नही देखा।” 


“ओह, इंटरेस्टेड है मतलब तू उसमें।” अभय ने मजे लेते हुए कहा। 


“तुझे नहीं बताना तो मत बता। मैं जा रहा हूं।” कहकर विहान जाने लगा तो अभय ने उसे रोकते हुए कहा, “ऐसे मत जा। मैं मजाक कर रहा था। आ बताता हूं।” 


विहान फिर से उसके पास आकर बैठ गया तो अभय ने कहा, “यही है वो दिवाली वाला पटाखा। इशिका शर्मा नाम है उसका। अपने प्रिंसिपल सर की भतीजी है इसलिए इसका सेशन के बीच में एडमिशन हो गया। कितनी ब्यूटीफुल है यार वो।” 


“चल घर चलते है। अब क्लास तो कोई और है नहीं। सर अब्सेंट है आज।” विहान ने अपना बैग कंधे पर डालते हुए कहा। 


“चल भाई।” अभय ने कहा और वो दोनों कॉलेज से घर जाने के लिए विहान की बाइक पर बैठ गए। 


अभय को घर छोड़ने के बाद विहान जैसे ही अपने घर में आया, उसकी नज़र लिविंग रूम में बैठे हुए अपने पेरेंट्स पर गई। वो दोनों साथ बैठकर अपने प्यार के दिनों को याद कर रहे थे। 


विहान उन्हें देखकर मुस्कुरा उठा और लिविंग रूम में उनके पास आया। उसे देखकर उसके पापा राज ने कहा, “अरे विहान, तुम आ गए।” 


“तुम आज इतनी जल्दी आ गए, बेटा।” उसकी मम्मी, सिमरन ने उससे पूछा।


“यस मॉम, सर आए नही थे आज।” विहान ने सोफे पर बैठते हुए कहा। 


“चलो, तुम बैठो। मैं खाना लगवाती हूं।” कहते हुए सिमरन सोफे से उठकर बाहर चली गई। उन सबने खाना खाया और अपने अपने कमरे में थोड़ी देर रेस्ट करने के लिए चले गए। 


शाम में उठने के बाद विहान अभय के साथ जिम चला गया। विहान एक्सरसाइज कर रहा था और अभय उसके साथ बातें करते हुए पूछ रहा था, “भाई, तुझे इशिका सच में खूबसूरत नही लगी?” 


विहान एक्सरसाइज करते हुए रुक गया और उसने अभय को देखते हुए कहा, “हर खूबसूरत चीज खतरनाक होती है।” 


एक्सर्साइज करने के बाद वो जिम से घर पहुंचा तो देखा की राज एक फोटो एल्बम लेकर बैठे हुए थे। वो फोटो एल्बम देखते ही विहान समझ गया कि आज फिर उसे राज से उनकी वही लव स्टोरी सुननी पड़ेगी जो उसकी नज़रों में अब दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के राज और सिमरन की स्टोरी से भी ज्यादा फेमस हो गई थी। 


राज ने उसे अपने पास बैठा लिया और उसे फोटोस दिखाते हुए अपनी लव स्टोरी सुनाने लगे। कहानी सुनते हुए विहान की आंखो के सामने इशिका का चेहरा आ गया और वो उसमें खो गया। उसने मुस्कुराते हुए सोचा, “मेरी लव स्टोरी भी अब जल्दी ही शुरू होगी। आई लाइक यू इशिका।” 


Continued in लव आजकल - 2

Tuesday, 15 October 2024

मैं तेरी दीवानी हो गई


वो तेरी प्यार से लिखी प्रेम कहानी पढ़, 

मैं उसमें ऐसे खो गई, 

कि उस कहानी का ही एक हिस्सा बन,

मैं दुनिया से अंजानी हो गई।

इतने प्यार से तूने बताया है,

दो दिलों के बीच प्यार के एहसास को, 

कि मैं इसे महसूस करने को बेकरार हो गई।

ना मैंने तुझे आजतक देखा है, 

ना ही तुझसे मिली हूँ,

पर तूने इतनी ख़ूबसूरती से बयान किया है,

उस कहानी में प्यार को,

कि मैं तुझसे बिना मिले,

और तुझे बिना देखे ही, 

तेरी दीवानी हो गई।

Saturday, 12 October 2024

मैं तेरे शहर में अपनी कहानी छोड़ आई हूं

 



सालों बाद हुआ था मेरा,

तेरे शहर में आना, 

जिसकी खूबसुरती को मैं इस बार,

तेरे बिना ही दोबारा जी आयी हूँ, 

जो जगहें कभी तेरे साथ घूमी थी, 

आज अकेले उन जगहों से हो आई हूँ, 

मैं तेरे शहर में,

अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।


वो लॉकेट जो तुमने,

मुझे प्यार से पहनाया था, 

उससे खुदसे दूर कर, 

मैं उसे तेरे शहर की नदी में बहाकर,

तेरे शहर के ही हवाले कर आयी हूँ, 

जो नादानी मैं तेरे आगे,

प्यार में दिखाया करती थी,

उस नादानी, 

और हमारे प्यार की कहानी को ख़त्म कर, 

मैं अपनी तन्हाई की कहानी की शुरुआत,

तेरे शहर में लिख आई हूँ, 

मैं तेरे शहर में,

अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।


Wednesday, 9 October 2024

एक तरफा प्यार

 


जब किसी को ऐसे तुम अपने दिल में बसालो,

 कि वो तुमसे दूर हो फिर भी तुम्हें वो दूर ना लगे, 

वो तुम्हें देखना ना चाहे,

 फिर भी तुम उसकी तस्वीरों को देख,

उसके ख्यालों में खोते चले जाओ,

 जब इजहार करो तुम,

और इनकार करे वो, 

फिर भी उसके इंकार तो तुम इकरार समझो, 

और प्यार को तुम भुलाओ नहीं,

बल्की एक तरफा ही निभाने लग जाओ, 

तो ये प्यार एक तरफा भी मुकम्मल लगता है।