Monday, 16 December 2024

लव आजकल - 5


विहान ने रात के दो बजे तक जागकर उस कार्ड के ऊपर रंगीन पेन से बहुत अच्छी अच्छी शायरियां और कुछ मैसेजेस लिखे। उसने अपने फोन में सुबह जल्दी का अलार्म सेट किया और इशिका के ख्यालों में खोए हुए ही सो गया। उसके बेड के ऊपर सारे पेन ऐसे ही बिखरे हुए थे। 


सुबह अलार्म के बजने से उसकी नींद खुली। उसने आंखें बंद किए हुए ही अपना फोन ढूंढा और अपनी नींद भरी अधखुली आंखों से देखते हुए अलार्म को बंद कर फिर से सो गया। उसकी नींद दोबारा पूरे नौ बजे खुली। उसने अपने फोन में टाइम देखा तो हैरान रह गया। वो हड़बड़ाकर जल्दी से बेड से उठा और बाथरूम में चला गया। 


वो जल्दी से नहाकर निकला और अलमारी से कपड़े निकालकर पहन लिए। वो बाल सेट कर बैग लेकर अपने कमरे से नीचे जाने के लिए सीढ़ियों तक आया ही था कि तभी उसे याद आया की वो इशिका के लिए लिया हुआ कार्ड अपने कमरे में ही छोड़ आया है। 


वो जल्दी से कमरे में वापिस आया और उसने वो कार्ड बेड की साइड टेबल से उठाकर अपने बैग में रखा। नीचे आकर उसने नाश्ता किया और राज और सिमरन को बाय बोलने के बाद घर से बाहर आकर बाइक पर बैठकर कॉलेज जाने के लिए निकल गया। 


कॉलेज पहुंचकर उसने इशिका को ढूंढना शुरू कर दिया। अभय ने उसे देखा तो वो उसके पास आया और उससे कहा, “तू जिसे ढूंढ रहा है ना वो लाइब्रेरी में है।” 


विहान ये सुनकर लाइब्रेरी में आ गया। थोड़ा सा ढूंढने के बाद उसे इशिका एक कोने में बैठी हुई मिली। वो आराम से चुपचाप बैठे हुए कोई बुक पढ़ रही थी। विहान भी उसके पास आकर बैठ गया। 


इशिका ने एक नजर अपने पास बैठे विहान को देखा और फिर से वापिस बुक पढ़ने लग गई। उसके सामने दो रोमांटिक इंग्लिश नॉवेल रखे हुए थे जिन्हें देख विहान समझ गया की इशिका भी कोई नॉवेल ही पढ़ रही है। विहान वही बैठ उसे नॉवेल पढ़ते हुए देखता रहा। 


थोड़ी देर बाद इशिका सारे नॉवेलस और अपना बैग हाथ में लेकर खड़ी हुई। वो लाइब्रेरी से बाहर चली गई तो विहान भी उसके पीछे पीछे आ गया। 


“इशिका, तुम नॉवेलस पढ़ती हो?” विहान ने उससे पूछा तो इशिका ने चलते चलते जवाब दिया, “हां, और इसलिए ही मुझे वो पुराने जमाने वाला प्यार चाहिए और थोड़ा थोड़ा इन नॉवेलस जैसा भी क्योंकि इनमें ये दिखाया गया है की एक लड़का जब एक लड़की से प्यार करता है तो वो उसके लिए कुछ भी कर सकता है बिना किसी मतलब के जबकि अगर हकीकत में आज की दुनिया में देखे तो लोग किसी से प्यार भी अपने मतलब के लिए करते है। मुझे ऐसा प्यार नही चाहिए और फिर ओल्ड स्कूल लव की बात ही कुछ और है। उस जमाने के प्यार का इजहार, एक्सपेंसिव नही, सिंपल और क्यूट डेट्स और एक दूसरे के लिए शायरियां लिखना। वो सब फील करना है मुझे।” 


विहान भी उसके पीछे पीछे चला जा रहा था। शायरी के बारे में सुनकर उसे उस कार्ड का ध्यान आया तो उसने इशिका को रोका और बैग में से कार्ड निकालकर उसे देते हुए कहा, “ये मैं तुम्हारे लिए लाया था।” 


इशिका उस कार्ड को देखकर मुस्कुराने लगी। उसने मुस्कुराते हुए विहान के हाथ से वो कार्ड लिया और उसे खोला तो वो खुश हो गई क्योंकि उसे खोलते ही वो दिल जो स्प्रिंग से लग हुआ था, वो उभर आया था। इशिका ने पहले उस पर लिखे मैसेज को पढ़ा और फिर उसने उन शायरियों और मैसेजेस को देखा जो विहान ने लिखे थे। उसके बाद उसने देखा की वो कार्ड कहां से लिया गया था तो आर्चीज का नाम देखकर वो खुश हो गई। उसने विहान को देखा और कहा, “वाव, ये तो आर्चीज का कार्ड है।” 


“यस, तुम्हें अच्छा लगा?” विहान ने पूछा। 


“अच्छा नही बहुत अच्छा। मुझे ये कार्ड बहुत पसंद आया और तुमने इसके ऊपर जो शायरी और मैसेज लिखे है, वो भी अच्छा लगा मुझे बस उन्हें मैं रात में घर जाकर आराम से पढ़ूंगी। थैंक यू इतने एफर्ट्स के लिए।” इशिका ने खुश होकर कहा।


इस बार इशिका ने वो कार्ड विहान को वापिस न देकर अपने बैग में रख लिया जिसे देखकर विहान ने कहा, “तो मैं तुम्हें इंप्रेस करने में सक्सेसफुल रहा इस बार।” 


“थोड़ा सा।” इशिका ने मुस्कुराते हुए कहा। विहान इतने में ही खुश था की वो इशिका को थोड़ा सा इंप्रेस करने में कामयाब हो गया था। उसने इशिका से पूछा, “तो क्या तुम मेरे साथ डेट पर चलोगी?” 


“इतनी जल्दी डेट।” इशिका ने हैरानी से कहा। 


“सॉरी, अगर तुम्हें अच्छा नही लगा। तुम जब चाहो तब चल लेंगे।” विहान ने कहा। 


“नही, तुम इतने दिनों से एफर्ट्स कर रहे हो और तुमने इस कार्ड पर भी कितने एफर्ट्स किए है। ये डेट तो तुम डिजर्व करते हो पर याद रखना डेट…” इशिका आगे भी कहने ही वाली थी लेकिन इससे पहले की वो की कह पाती, विहान ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए कहा, “ओल्ड स्कूल होनी चाहिए। डोंट वरी, आपकी विशेज का खास ख्याल रखा जाएगा।” 


इशिका विहान को देखते हुए मुस्कुराकर वहां से चली गई। उसके जाते ही अभय विहान के पास आया और कहा, “तो फाइनली इशिका इंप्रेस हो गई मेरे भाई से।” 


“बोला था ना की वो सिर्फ मुझसे इंप्रेस होगी। चल अब कैंटीन। पार्टी देता हूं तुझे।” कहकर विहान अभय के साथ कैंटीन की तरफ चला गया। 


वहीं इशिका भी आज मुस्कुराते हुए क्लास में आई तो काजल ने उससे पूछा, “क्या बात है? आज तुम इतनी खुश क्यों हो?” 


इशिका ने धीरे से अपना बैग खोलकर काजल को अपने बैग में रखा हुआ कार्ड दिखाया और कहा, “आर्चीज का कार्ड।” 


“ये तुम्हें किसने दिया है?” काजल ने हैरानी से पूछा। 


“एक ही हो सकता है।” इशिका ने कहा। 


पहले काजल को इशिका की बात का मतलब समझ नही आया लेकिन जब उसे एहसास हुआ की वो किसके बारे में बात कर रही है तो उसने कहा “ओह माय गॉड, विहान ने दिया है तुम्हें ये।”


“यस, विहान ने दिया है।” इशिका ने खुश होकर कहा।


“मुझे तो लगा था की तुम्हारी ओल्ड स्कूल लव वाली विश के बारे में सुनकर विहान रूक जाएगा लेकिन वो तो तुम्हारी ये सारी विशेज भी पूरी करने लग गया।” काजल ने हैरानी और अप्रसन्नता के मिले जुले भाव के साथ कहा जिसे इशिका नही समझ पाई। 


“सिर्फ इतना ही नही। वो तो मुझे डेट पर भी लेकर जा रहा है।” इशिका ने कहा जिसे सुनकर काजल को थोड़ा गुस्सा भी आने लगा पर इशिका इतनी खुश थी की उसे ये सब दिखाई ही नही दिया। 


इशिका का फोन बजने लगा तो वो काजल को बाय बोलकर वहां से चली गई। उसे जाते हुए देख काजल ने सोचा, “जब तक खुश रह सकती हो रह लो इशिका क्योंकि मैं तुम्हारी ये खुशी ज्यादा देर तक नही रहने दूंगी। जब से तुम कॉलेज में आई हूं सारी अटेंशन तुमने ले रखी है और अब विहान जैसा हैंडसम लड़का भी तुम्हें मिल गया जो तुम्हारे लिए इतने एफर्ट्स कर रहा है। मैं तुम्हें उसके साथ कभी खुश नही रहने दूंगी।” 


Continued in लव आजकल - 6

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