विहान ने बाइक इशिका के घर के सामने लाकर रोकी और छत्त की तरफ देखने लगा। थोड़ी देर वहीं खड़े रहकर उसने अंदाजा लगाया कि वो छत्त पर कैसे चढ़ सकता था और फिर दीवार कूदकर अंदर गया। उसने एक पाइप के पास आकर उसे चढ़ना शुरू कर दिया।
जैसे तैसे कर वो छत्त के ऊपर पहुंचा। उसने जेब से अपना फोन निकालकर इशिका को फोन लगाया। इशिका उस वक्त तक सो चुकी थी। रितिका भी उसके साथ ही सो रही थी। वो जाग न जाए इसलिए इशिका ने जल्दी से नींद में ही साइड टेबल से अपना फोन उठाकर साइलेंट किया और फिर अधखुली आंखों से स्क्रीन पर फोन करने वाले का नाम देखा।
विहान का नाम देखकर उसने फोन उठाया और नींद में कहा, “हां, विहान।”
“अपने घर की छत्त पर आओ। मैं इंतजार कर रहा हूं।” विहान ने कहा जिसे सुनते ही इशिका कि नींद गायब हो गई। विहान ने इतना कहकर ही फोन काट दिया था।
इशिका ने बेड से उतरकर जल्दी से अपनी चप्पल पहनी और कमरे से बाहर निकलकर ऊपर छत्त पर आ गई। विहान को अपने सामने खड़ा देखकर उसने जल्दी से पूछा, “तुम इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो और तुम अंदर कैसे आए?”
“मैं देखना चाहता था कि फलक के चांद की खूबसूरती ज्यादा है या मेरे चांद की इसलिए मैं तुम्हारे घर का पाइप चढ़कर छत्त तक आया और तुम्हें भी मूनलाइट के नीचे बुलाया।” विहान ने मुस्कुराते हुए कहा।
इशिका ने उसे देखा और कहा, “पागल हो तुम। ऐसे पाइप चढ़कर आए हो। तुम्हें चोट लग जाती तो।”
विहान उसके करीब आया और धीरे से उसकी कमर पर हाथ रखकर कहा, “तुम्हारे प्यार में। तुमसे मिलने का बहुत मन हो रहा था।”
“अब आ गए हो तो बताओ। क्या फलक का चांद मुझसे ज्यादा खूबसूरत है?” इशिका ने उसके करीब आते हुए पूछा।
“देखो, इसका जवाब तो चांद खुद दे रहा है। तुम इतनी खूबसूरत हो की फलक का चांद तुम्हें देखकर बादलों के पीछे छुप गया।” विहान ने कहा तो इशिका ने चांद की तरफ देखा जो बादलों के पीछे छुप सा गया था फिर भी हल्का सा दिखाई दे रहा था।
इशिका ने मुस्कुराते हुए विहान को देखा तो विहान ने आगे बढ़कर इशिका के माथे पर एक किस किया। विहान के उसके चेहरे को प्यार से अपने दोनों हाथों में थाम लिया और प्यार से उसके गाल को सहलाते हुए उसे देखने लगा।
“मैं तुम्हें इसलिए ही सबसे ज्यादा पसंद करती हूं, विहान। तुम मुझे प्यार भी करते हो और उसके साथ ही मेरी इज्जत का भी ख्याल रख लेते हो।” इशिका ने कहा।
“हमेशा रखूंगा।” विहान ने कहा तो इशिका उसके गले लग गई। विहान ने उसे अपनी बाहों में भर लिया। वो दोनों कुछ वक्त तक ऐसे ही खड़े रहे और फिर विहान ने कहा, “अब मुझे चलना चाहिए। देर हो रही है। कॉलेज में मिलेंगे अब।”
इशिका ये सुनकर थोड़ा सा उदास हो गई और उसने कहा, “मन तो नही है पर तुम्हारा जाना भी जरूरी है। किसी ने तुम्हें देख लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी।“
“उदास मत हो वरना मैं जा नही पाऊंगा।” विहान ने कहा तो इशिका मुस्कुराने लगे। विहान नीचे उतरने के लिए छत्त की रेलिंग की तरफ जाने लगा तो इशिका ने कहा, “उधर से मत जाओ, विहान। चोट लग सकती है। मेरे साथ आओ। मैं गेट से बाहर छोड़ आती हूं तुम्हें।”
“आर यू श्योर? मुझे किसी ने देख लिया तो?” विहान ने पूछा।
इशिका ने विहान का हाथ पकड़ा और कहा, “सब सो रहे है। कोई नही देखेगा।”
इशिका विहान को ध्यान से अपने साथ नीचे ले आई। वो दोनों ग्राउंड फ्लोर पर जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ ही रहे थे की तभी इशिका की नजर अपने चाचा जी पर गई और वो विहान को लेकर दीवार के पीछे छुप गई। उसके चाचा जी को जब कोई हलचल महसूस हुई तो उन्होंने दीवार की तरफ देखकर पूछा कि कौन है।
इशिका और विहान इस वक्त एक दूसरे के बेहद करीब खड़े थे। वो दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। इशिका के चाचाजी इन सब को अपना वहम समझकर वहां से चले गए। उनके जाने ने बाद इशिका ने एक गहरी सांस की और विहान को ग्राउंड फ्लोर पर ले आई। उसने ध्यान से बिना ज्यादा आवाज किए घर का एंट्रेस वाला दरवाजा खोला।
विहान ने एक बार फिर उसके माथे पर किस किया और घर से बाहर आया। उसने अपनी बाइक स्टार्ट की और इशिका को मुस्कुराकर देखते हुए वहां से निकल गया। इशिका ने मुस्कुराते हुए ध्यान से दरवाजा बंद किया और अपने कमरे में आकर सो गई।
विहान और इशिका का रिजल्ट बहुत ही अच्छा आया था। विहान आज खुश था क्योंकि छुट्टियों के बाद आज वो फिर से दोबारा कॉलेज जाना शुरू कर रहा था। उसे सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट इशिका से मिलने की थी। तैयार होकर उसने नीचे जाकर जल्दी से नाश्ता किया और फिर घर से बाहर आकर कॉलेज जाने के लिए गया।
कॉलेज पहुंचकर उसने बाइक पार्किंग में लगाई और इशिका को ढूंढने लगा। इशिका लाइब्रेरी में थी इसलिए विहान भी लाइब्रेरी में चला गया। लाइब्रेरी में कुछ वक्त साथ बैठने के बाद वो दोनों अपनी अपनी क्लासेस अटेंड करने चले गए।
क्लासेस अटेंड करने के बाद विहान फिर से इशिका के पास जाने लगा। उसे पता था कि इशिका क्लासेस के बाद उसका गार्डन में इंतजार करती है। उसे इशिका वहीं बैठी हुई दिखाई दी। विहान उसके पास जाने ही लगा था कि तभी एक लड़का इशिका के पास आकर बैठ गया जिसे देखकर विहान के कदम वहीं रुक गए।
विहान बिना इशिका से मिले वहां से जाने ही लगा था कि तभी काजल वहां आ गई और उसने विहान से कहा, “वो लड़का इशिका का बेस्टफ्रेंड है। नही बताया न आजतक इशिका ने तुम्हें उसके बारे में।”
विहान ने कुछ नही कहा। उसे खामोश देख काजल ने कहा, “क्यों बताएगी? तुमसे ज्यादा करीब वो जो है इशिका के।”
विहान बिना इशिका से मिले ही गुस्से में वहां से चला गया। उसे जाता हुआ देख काजल ने मुस्कुराते हुए सोचा, “अब मैं देखती हूं इशिका कि तुम कब तक विहान को अपने करीब रख पाती हो मेरी लगाई हुई इस आग के बाद।”
Continued in लव आजकल - 10
No comments:
Post a Comment