Friday 18 October 2024

लव आजकल - 1

 


आज जैसे ही विहान ने अपने कॉलेज में कदम रखा, उसे वहां का माहौल रोज के दिनों से काफी अलग लगा। जहां पूरे कॉलेज के स्टूडेंट्स क्लास में कम बैठकर कैम्पस में घूमते रहते थे, वही आज उसे कैम्पस में सिर्फ लड़कियां ही दिखाई दी। 


वो अंदर आया तो उसे कारिडोर में अपना सबसे अच्छा दोस्त, अभय खड़ा हुआ दिखाई दिया। उसने उसके पास आकर पूछा, “हमारा कॉलेज गर्ल्स कॉलेज बन गया है क्या? आज कोई लड़का नजर ही नही आ रहा।” 


“आ दिखाता हूं तुझे की सारे लड़के कहां है।” कहते हुए अभय विहान को लाइब्रेरी के बाहर ले आया जहां सभी लड़के भीड़ लगाकर खड़े थे और बार बार अंदर देखने की कोशिश कर रहे थे। ये सब देख विहान ने पूछा, “ये सब ऐसे लाइब्रेरी के बाहर भीड़ लगाए क्यों खड़े है?” 


“भाई, वो क्या है न कि होली के टाइम पर कॉलेज में दिवाली वाला पटाखा आया है। उसी पटाखे को देखने के लिए ये सब ऐसे खड़े है।” अभय ने कहा। 


“पागल हो गए है ये सब। चल क्लास में चलते है।” कहकर विहान क्लास की तरफ जाने लगा। 


“भाई, वो लड़की सच में बहुत खूबसूरत और हॉट है यार। तू एक बार उसे देखेगा न तो देखता ही रह जाएगा और पहली नजर में ही तुझे उससे प्यार हो जाएगा। तुझे ऐसा लगेगा की तेरे आसपास इश्क की हवाएं चलने लग गई है। वायोलिन बजने लगेगा और बटरफ्लाईज फील होंगी।” कहते हुए अभय विहान के पीछे पीछे आया। विहान ने उसे देखा और कहा, “ऐसा सिर्फ मूवीज में होता है। ये हकीकत है और पता नही तुझे मेरे सिंगल होने से क्या प्रोब्लम है।” 


विहान क्लास के अंदर जाकर बैठ गया। अभय उसके पास आकर बैठा और कहा, “तुझे देखकर किसी एंगल से नहीं लगता की तेरे पेरेंट्स की इतनी रोमेंटिक लव स्टोरी होगी। रोमांस का आर तक नहीं है तेरे अंदर।” 


“मुझे मेरे पेरेंट्स की लव स्टोरी की याद मत दिला। रोज ही सुनता हूं पापा से मैं उनकी महान ओल्ड स्कूल लव स्टोरी।” विहान ने चिढ़ते हुए कहा।


“उनकी लव स्टोरी को ऐसा मत कह यार। उनकी लव स्टोरी मेरे लिए इंस्पिरेशन है।” अभय ने कहा तो विहान ने उसे कुछ नही कहा। 


प्रोफेसर ने आकर लेक्चर शुरू किया तो विहान ने अपना सारा ध्यान उसमें लगा लिया। लेक्चर खत्म होने के बाद विहान अभय के साथ कैम्पस के गार्डन में आकर बैठ गया। वो दोनों आपस में बातें कर ही रहे थे की तभी विहान की नजर सामने से आती हुई लड़की पर गई और वो बातें करते करते रुक गया। 


हल्के नीले रंग की ड्रेस में वो लड़की बहुत ही प्यारी लग रही थी। उसके लंबे काले बाल खुले हुए थे और चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी। हल्की धूप में उसका गोरा रंग चमक रहा था। सभी लड़कों की नज़रें उसके ऊपर ही थी। 


अभय ने जब महसूस किया कि विहान बोलते बोलते रुक गया है और सामने देख रहा है, तो उसकी नजरों का पीछा करते हुए उसने भी सामने देखा। विहान एकटक उस लड़की को देखे जा रहा था। उसे ऐसे देख अभय ने कहा, “क्यों भाई, चलने लग गई न इश्क की हवाएं, वायोलिन बजने लगा और बटरफ्लाईज फील हो रही है?” 


“हां, यार।” विहान ने उस लड़की को मुस्कुराकर देखते हुए कहा। वो इतना खो गया था की उसे अपने आसपास का कोई होश ही नही था। वो होश में तब आया जब वो लड़की उसके पास से होकर निकली और उस लड़की के परफ्यूम की तेज खुशबू विहान की नाक से टकराई। 


अभय ने उसे देखा और पूछा, “हो गया न पहली नजर में ही प्यार?” 


“कुछ भी बोल रहा है तू।” विहान ने उससे नज़रे चुराते हुए कहा। 


“हां हां, कुछ भी बोल रहा हूं मैं।” अभय ने कहा तो विहान ने उसे देखकर पूछा, “कौन थी ये लड़की? पहले तो इसे कभी यहां नही देखा।” 


“ओह, इंटरेस्टेड है मतलब तू उसमें।” अभय ने मजे लेते हुए कहा। 


“तुझे नहीं बताना तो मत बता। मैं जा रहा हूं।” कहकर विहान जाने लगा तो अभय ने उसे रोकते हुए कहा, “ऐसे मत जा। मैं मजाक कर रहा था। आ बताता हूं।” 


विहान फिर से उसके पास आकर बैठ गया तो अभय ने कहा, “यही है वो दिवाली वाला पटाखा। इशिका शर्मा नाम है उसका। अपने प्रिंसिपल सर की भतीजी है इसलिए इसका सेशन के बीच में एडमिशन हो गया। कितनी ब्यूटीफुल है यार वो।” 


“चल घर चलते है। अब क्लास तो कोई और है नहीं। सर अब्सेंट है आज।” विहान ने अपना बैग कंधे पर डालते हुए कहा। 


“चल भाई।” अभय ने कहा और वो दोनों कॉलेज से घर जाने के लिए विहान की बाइक पर बैठ गए। 


अभय को घर छोड़ने के बाद विहान जैसे ही अपने घर में आया, उसकी नज़र लिविंग रूम में बैठे हुए अपने पेरेंट्स पर गई। वो दोनों साथ बैठकर अपने प्यार के दिनों को याद कर रहे थे। 


विहान उन्हें देखकर मुस्कुरा उठा और लिविंग रूम में उनके पास आया। उसे देखकर उसके पापा राज ने कहा, “अरे विहान, तुम आ गए।” 


“तुम आज इतनी जल्दी आ गए, बेटा।” उसकी मम्मी, सिमरन ने उससे पूछा।


“यस मॉम, सर आए नही थे आज।” विहान ने सोफे पर बैठते हुए कहा। 


“चलो, तुम बैठो। मैं खाना लगवाती हूं।” कहते हुए सिमरन सोफे से उठकर बाहर चली गई। उन सबने खाना खाया और अपने अपने कमरे में थोड़ी देर रेस्ट करने के लिए चले गए। 


शाम में उठने के बाद विहान अभय के साथ जिम चला गया। विहान एक्सरसाइज कर रहा था और अभय उसके साथ बातें करते हुए पूछ रहा था, “भाई, तुझे इशिका सच में खूबसूरत नही लगी?” 


विहान एक्सरसाइज करते हुए रुक गया और उसने अभय को देखते हुए कहा, “हर खूबसूरत चीज खतरनाक होती है।” 


एक्सर्साइज करने के बाद वो जिम से घर पहुंचा तो देखा की राज एक फोटो एल्बम लेकर बैठे हुए थे। वो फोटो एल्बम देखते ही विहान समझ गया कि आज फिर उसे राज से उनकी वही लव स्टोरी सुननी पड़ेगी जो उसकी नज़रों में अब दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के राज और सिमरन की स्टोरी से भी ज्यादा फेमस हो गई थी। 


राज ने उसे अपने पास बैठा लिया और उसे फोटोस दिखाते हुए अपनी लव स्टोरी सुनाने लगे। कहानी सुनते हुए विहान की आंखो के सामने इशिका का चेहरा आ गया और वो उसमें खो गया। उसने मुस्कुराते हुए सोचा, “मेरी लव स्टोरी भी अब जल्दी ही शुरू होगी। आई लाइक यू इशिका।” 


Continued in लव आजकल - 2

Tuesday 15 October 2024

मैं तेरी दीवानी हो गई


वो तेरी प्यार से लिखी प्रेम कहानी पढ़, 

मैं उसमें ऐसे खो गई, 

कि उस कहानी का ही एक हिस्सा बन,

मैं दुनिया से अंजानी हो गई।

इतने प्यार से तूने बताया है,

दो दिलों के बीच प्यार के एहसास को, 

कि मैं इसे महसूस करने को बेकरार हो गई।

ना मैंने तुझे आजतक देखा है, 

ना ही तुझसे मिली हूँ,

पर तूने इतनी ख़ूबसूरती से बयान किया है,

उस कहानी में प्यार को,

कि मैं तुझसे बिना मिले,

और तुझे बिना देखे ही, 

तेरी दीवानी हो गई।

Saturday 12 October 2024

मैं तेरे शहर में अपनी कहानी छोड़ आई हूं

 



सालों बाद हुआ था मेरा,

तेरे शहर में आना, 

जिसकी खूबसुरती को मैं इस बार,

तेरे बिना ही दोबारा जी आयी हूँ, 

जो जगहें कभी तेरे साथ घूमी थी, 

आज अकेले उन जगहों से हो आई हूँ, 

मैं तेरे शहर में,

अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।


वो लॉकेट जो तुमने,

मुझे प्यार से पहनाया था, 

उससे खुदसे दूर कर, 

मैं उसे तेरे शहर की नदी में बहाकर,

तेरे शहर के ही हवाले कर आयी हूँ, 

जो नादानी मैं तेरे आगे,

प्यार में दिखाया करती थी,

उस नादानी, 

और हमारे प्यार की कहानी को ख़त्म कर, 

मैं अपनी तन्हाई की कहानी की शुरुआत,

तेरे शहर में लिख आई हूँ, 

मैं तेरे शहर में,

अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।


Wednesday 9 October 2024

एक तरफा प्यार

 


जब किसी को ऐसे तुम अपने दिल में बसालो,

 कि वो तुमसे दूर हो फिर भी तुम्हें वो दूर ना लगे, 

वो तुम्हें देखना ना चाहे,

 फिर भी तुम उसकी तस्वीरों को देख,

उसके ख्यालों में खोते चले जाओ,

 जब इजहार करो तुम,

और इनकार करे वो, 

फिर भी उसके इंकार तो तुम इकरार समझो, 

और प्यार को तुम भुलाओ नहीं,

बल्की एक तरफा ही निभाने लग जाओ, 

तो ये प्यार एक तरफा भी मुकम्मल लगता है।

Saturday 5 October 2024

अनकहे इश्क़ की दास्तां


हमारा इश्क़ ऐसा था, 

जिसका इज़हार हम चाहते हुए भी,

कभी ना कर पाए, 

बस थमाकर अपनी मोहब्बत का हाथ,

किसी और के हाथों में, 

हम अपने अनकहे इश्क की दास्तां को,

अधूरा छोड़ आए, 

पता भी था कि जिंदगी भर मलाल रहेगा, 

कि सबकी खुशी के बारे में सोचकर, 

हम अपनी मोहब्बत को, 

बिना कुछ कहे किसी और के नाम पर आए,

हमारे अपनों के दिल ना टूटे, 

इसलिए हम अपना दिल तुड़वा आए, 

हम अपने अनकहे इश्क की दास्तां को,

अधूरा छोड़ आए।


Monday 30 September 2024

मुझे वो पुराना वाला प्यार चाहिए

 



इन मैसेजेस और वीडियो कॉल के ज़माने में, 

मुझे तुम्हारे लिखे ख़तों का इंतज़ार चाहिए, 

मुझे वो पुराना वाला प्यार चाहिए।


जहाँ फोन ना उठाने पर,

या मैसेज का जवाब ना देने पर हो जाते हैं झगड़े, 

वहीं मुझे तुम्हारी खत पढ़,

अपने चेहरे पर मुस्कान चाहिए, 

महेंगे तोहफ़े देने वाले ज़माने में, 

मुझे तुमसे मेरी डायरी में संभालके रखने के लिए,

 एक गुलाब चाहिए,

मुझे वो पुराना वाला प्यार चाहिए।


जहाँ आजकल सब महँगी वाली डेट्स पर जाते हैं, 

मुझे तुम्हारे साथ छत पर चाँद को देखने वाली रात चाहिए, 

इस हीरे की अंगूठी पहनाकर,

प्यार का इजहार करने वाले जमाने में, 

मुझे तुम्हारे चेहरे पर,

 तुम्हारी मुझे पहनाई चूड़ियों की खंखार सुन, 

एक प्यारी सी मुस्कान चाहिए, 

मुझे वो पुराना वाला प्यार चाहिए।