तुम्हारी दुनिया जो भी हो,
पर मेरी दुनिया तुम ही हो,
चाहे तुम्हारी दुनिया में खुशियां सब से हो,
पर मेरी दुनिया की खुशियां,
सिर्फ तुमसे ही है,
क्योंकि मेरा प्यार और सुकून भरा इंतज़ार,
सब तुम ही हो,
मेरी दुनिया तुम ही हो।
तुम नहीं जानते,
पर जब तुम रूठते हो ना मुझसे,
तो मुझे सब खाली खाली सा लगता है,
और जब बहुत प्यार जताते हो ना तुम,
तो मुझे सब बहुत हसीन लगता है,
जानती हूं कि ऐसे बहुत लोग हैं,
जिनको तुम अपनी दुनिया मानते हो,
पर मेरी दुनिया तुम ही हो।
कैसा एहसास है ये,
बहुत बार मैं नहीं समझ पाती,
कभी तुम्हारे पास पाती हूं,
तो कभी ऐसा लगता है,
कि मैं तुमसे अलग होके,
भीड़ में खो जाती हूं
बस अपने आप में,
उलझ के मैं रह जाती हूं,
मैं बस तुम्हारा प्यार चाहती हूं,
जानती हूं बहुत लोग हैं तुम्हारी दुनिया में,
फिर भी मैं बस,
तुम्हारी दुनिया का हिस्सा बनना चाहती हूं,
तुम्हारी दुनिया सब में बसती है,
और सब तुम्हारी दुनिया को खास बनाते हैं,
पर मेरी दुनिया को खास बनाने वाले,
तुम ही हो,
मेरी दुनिया तुम ही हो।
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