Tuesday, 10 September 2024

तेरा इश्क़ ही है


 मैं अकेली बहुत खुश रहती थी,

 पर अब खुश रहने के लिए, 

हर वक्त भगवान से तेरा साथ मांगने लग गई।


मैं दुनिया के शोर से परेशान थी, 

पर अब तेरी बाहों में आके, 

तेरे दिल की धड़कनो के शोर को, 

मैं अपना सुकून समझने लग गई।

मैं डरती थी प्यार के नाम से,

 पर आज मैं ही प्यार को,

 सबसे खूबसूरत एहसास बताने लग गई,

तेरा इश्क ही है, 

कि मैं जहां पहले सिर्फ हल्का सा मुस्कुरा देती थी, 

अब वही मैं खिलखिलाकर हँसने लग गई।


मैं पसंद करती थी,

 चार दीवारी में रहना, 

पर अब तेरे साथ,

सारी दुनिया घूमने के ख्वाब देखने लग गई। 

मेरी दुनिया सिर्फ मुझतक ही थी,

 पर अब मैं तुम्हें अपनी हर एक बात, 

अपनी हर एक दुआ,

 और अपने हर एक जज्बात में शामिल करने लग गई, 

तेरा इश्क ही है, 

कि मैं तुझको खुदमे शामिल करने लग गई।

डरती थी दर्द में खो जाने से, 

पर जबसे तुमने हाथ थामा है,

 मैं तुम्हारी आँखों में ही खोने लग गई,

तेरा इश्क ही है, 

कि मैं हमारी खूबसूरत जिंदगी,

और साथ के सपने सजाने लग गई।

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