मैं जानती हूं कि अब तुम्हारे ऊपर,
किसी और का हक हो गया है,
पर फिर भी,
मेरे ख्वाबों में,
अभी भी तुम मेरे हो।
जानती हूं कि पहले के जैसे सब कुछ,
अपने मन की और इधर उधर की सारी बातें,
अब मैं तुम्हें नहीं बता सकती,
ना तुमसे बात कर सकती हूं,
ना तुमसे मिल सकती हूं,
फिर भी मैं तुमपर पहले के जैसा ही,
अपना हक समझती हूं,
वो क्या है ना,
अगर मेरी मोहब्बत तुम्हारे लिए नहीं बदली,
तो मैं उन बातों को,
और मेरे तुमसे किये गए वादों को क्यों बदलूं,
क्योंकि उन सारी बातों में और वादों में,
तुम मेरे हो,
मेरे ख्वाबों में तुम मेरे हो।
जानती हूं आज से तुम किसी और का हाथ थामे चलोगे,
किसी और को अपनी बाहों में भरकर गले लगाओगे,
अपनी बातों से किसी और को हंसाओगे,
वो प्यार से भरी बातें अब तुम किसी और के साथ फरमाओगे,
अपनी गाड़ी की साथ वाली सीट पर,
अपने साथ अब तुम किसी और को बैठाओगे,
आने वाली जिंदगी के सपने,
अब तुम किसी और को साथ सजाओगे,
सारी यादें तुम अब किसी और के साथ बनाओगे,
अपने दिल में तुम किसी और को अब बसाओगे,
इन्हीं सब चीज़ों का एहसास आज भी मेरे साथ है,
जब इन सब लम्हों में तुम मेरे साथ थे,
और इन एहसासों में,
तुम मेरे हो,
मेरे ख्वाबों में तुम मेरे हो।
जानती हूं अब से तुम अपने हाथों से बनी,
वो अदरक वाली चाय,
किसी और को पिलाओगे,
अपने हाथों से प्यार से खाना,
अब किसी और को खिलाओगे,
सोने से पहले,
किसी और के माथे को अपने होठों से छुओगे,
कंबल अब किसी और को ओढ़ाया करोगे,
रात भर किसी और का ख्याल रखने के लिए,
जागा करोगे तुम,
अब तुम किसी और के लिए परेशान हुआ करोगे,
बस इतना बतादो,
कि क्या इन सब में,
एक बार भी मुझे तुम याद करोगे,
क्योंकि मैं तो ना तुम्हें,
ना हीं इन सारी खूबसूरत यादों को भूली हूं,
क्योंकि इन यादों में,
तुम मेरे हो,
मेरे ख्वाबों में तुम मेरे हो।
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