Friday 13 September 2024

एक दिन तो उसको मेरा ख्याल आएगा



मुझे रहने देना इस शहर में, 

ना ले जाना वापिस अपने साथ, 

मैं रोज गंगा किनारे आकर बैठना चाहती हूं, 

इस उम्मीद में की कभी तो उसे याद आयेगी मेरी, 

और वो मुझे ढूंढता हुआ आएगा यहाँ, 

क्यूंकि एक वक्त था,

जब इस शहर के बारे में,

बहुत सारी बातें करते हुए, 

इस शहर में आने के ख़्वाब देखे थे मैंने उसके साथ, 

की उसके साथ अस्सी घाट की सीढ़ियों पर बैठकर, 

उसका हाथ थामे बहुत सारी बातें करूंगी उसके साथ। 

पास नही था वो उस वक्त मेरे, 

फिर भी एक अलग ही एहसास महसूस किया था मैंने,

 वो ख़्वाब देखते वक्त, 

रोज अकेले ही आकर बैठना चाहती हूं अस्सी घाट पर, 

और फिर से अकेले ही,

 महसूस करना चाहती हूं उन एहसासों को, 

जब तक वो आ नही जाता यहाँ, 

क्यूंकी मुझे मेरे प्यार पर विश्वास है, 

की किसी रोज मुझे ढूंढते हुए वो इस शहर में आएगा, 

और मेरे साथ इसी घाट पर खड़े होकर, 

लगाकर मुझे अपने गले से,

अपनी मोहब्बत का एहसास दिलाएगा, 

ओढ़ाकर बनारसी दुप्पटा मेरे सिर पर, 

मुझे अपने प्यार से वो खूबसूरत बनाएगा, 

यहीं इसी शहर में, 

वो मेरे साथ ही ठहर जाएगा, 

क्योंकि जिंदगी भर यहीं,

साथ रहने के ख़्वाब सजाएं थे हमने, 

उन ख्वाबों को सच करने, 

और मेरा हाथ फिर से थामने वो जरूर आएगा, 

मुझे रहने देना तुम यहीं, 

मुझे उम्मीद है मुझसे मिलने वो यहीं आएगा, 

वादा था उसका की करेगा महसूस मेरे साथ, 

बनारस की हवाओं में बहते इश्क़ को, 

इसलिए रहने देना मुझे यहीं, 

क्यूंकी मुझे उम्मीद है, 

एक दिन तो उसे,

 मैं, मेरा प्यार और मुझसे किया वो वादा याद आएगा, 

एक दिन तो उसको मेरा ख्याल आएगा, 

एक दिन तो उसको मेरा ख्याल आएगा।


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