कभी तो मिलोगे तुम मुझे दोबारा,
उस वक्त ना वो बुरी,
दर्द देने वाली यादों को याद नहीं करेंगे,
बल्की पहले की ही तरह,
चेहरे पर मुस्कान के साथ,
एक बार फिर से सारे खुबसूरत पल जियेंगे।
वही समुंदर का किनारा होगा,
वही मैं और तुम,
वही शाम का वो पहर होगा,
जहां हम एक दूसरे की आंखों में खो जाते थे,
तब सारा वक्त जाता था थम,
और हम दोनो ही एक दूसरे के प्यार हो जाते गुम।
वही लहरों का शोर होगा,
और मेरा तुम्हारे दिल की धड़कनों को सुनते हुए,
तुम्हारी बाहों में खो जाना,
वो रेत पर हमारा उंगलियों से दिल बनाके,
मुस्कुराते हुए उसमें,
एक दूसरे का नाम लिखना,
आज भी याद करती हूं मैं,
वो तुम्हारी आंखों में,
मेरे लिए बेशुमार प्यार दिखना।
वही हमारी मनपसंद चाय होगी,
जिसे हम एक ही कप से पीया करते थे,
और बढ़ाया करते थे अपने प्यार को।
वही तुम्हारे कांधे पर सिर रखके,
मेरा ढलते हुए सूरज को देखना।
वही मेरा शरारत से तुम्हारे गाल खींचकर,
उठकर भाग जाना और तुम्हारा मुझे पकड़ कर,
अपनी बाहों में छुपा लेना,
मिलेंगे हम दोबारा एक बार,
तुम भी मेरी तरफ ये उम्मीद जरूर रखना।
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