बस इतना सा फर्क है,
मेरे मोहब्बत करने में और तुम्हारे मोहब्बत करने में,
कि मैं तुम्हें याद करके जागती रहती हूं,
और तुम्हारे मैसेज का इंतजार करती हूं,
और तुम मुझे भुलाकर सुकून से सो जाते हो।
मैं दुनिया को भुलाकर सारा वक्त तुम्हें देती हूं,
और तुम मुझे भुलाकर सारी दुनिया को अपना वक्त दे देते हो।
मुझे दिन रात तुम्हारी फिक्र लगी रहती है,
हर वक्त मेरा मन सिर्फ तुम्हारे ध्यान में रहता है,
और तुम,
फिक्र और ध्यान तो बहुत देर की बात है,
तुम्हारी तो सारे दिन की याद में,
ना ही मेरी बात,
और ना ही मेरा ख्याल रहता है।
मैं तुम्हारे लिए अपना प्यार जाहिर करने की,
हमारे प्यार को खास बनाने की हजार कोशिश करती हूं,
और तुम ऐसे दिखाते हो,
कि तुम्हें परवा तक नहीं है।
मैं सारे दिन के बाद,
एक तुम्हें देखने के लिए,
तुम्हारी आवाज़ सुनने के लिए,
ख़ुशी से तुम्हें फ़ोन मिलाती हूँ,
और तुम वक़्त न होने का बहाना बना देते हो।
बस इतना सा फर्क है,
मेरे मोहब्बत करने में और तुम्हारे मोहब्बत करने में।
कि मैं तुम्हारे साथ रिश्ता निभाने के बहाने ढूंढती हूं,
हर हाल में तुम्हारे साथ रहने की कोशिश करती हूं,
तुम्हें अपना वक्त देती हूं,
और तुम मुझे वक्त ना दे पाने के बहाने देते हो।
बस इतना सा फर्क है,
मेरे प्यार निभाने में,
और तुम्हारे प्यार निभाने में,
बस इतना सा फर्क है।
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