तुम कहते हो कि सिर्फ कुछ वक्त के लिए मिल आओगे,
एक बात बताओ,
इतने दिनों के बाद मिलोगे तुम मुझसे,
ऐसे में क्या सिर्फ कुछ वक्त की मुलाकात काफी है?
उन सारी बातों के लिए,
जो हम एक दूसरे से करना चाहते हैं,
उन सारे लम्हों को जीने के लिए,
जो हमने मिलकर तय किये हैं,
कि मिलेंगे तो ये करेंगे,
यहां घूमेंगे,
फिर कुछ सुकून भरा वक्त,
एक दूसरे की बाहों में बितायेंगे,
बताओ,
इन सबके लिए,
क्या सिर्फ कुछ वक्त की मुलाकात काफी है?
तुम्हें अपनी मनपसंद जगह घुमानी है,
तुम्हारे साथ मिलकर अपनी मनपसंद पानीपुरी खानी है,
तुम्हारा हाथ थामे वो शाम का पीहर जीना है,
मुझे तुम्हें अपना शहर दिखाना है,
अपनी मुलाकात की यादें बनाने के लिए,
बहुत सारी तस्वीरें तुम्हारे साथ लेनी हैं,
उन तस्वीरों में सारे खुबसूरत पलो को कैद करना है,
बताओ जरा,
क्या इन सब के लिए क्या सिर्फ कुछ वक्त की मुलाकात काफी है?
तुम जानते भी हो कि मन नहीं भरता मेरा,
तुम्हारे साथ रहने से,
और हर बार मैं तुम्हें जाने से रोकना चाहती हूँ,
कि तुम थोड़ी देर के लिए,
मेरे साथ और ठहर जाओ,
और मुझे कुछ और वक्त के लिए,
अपने प्यार का एहसास दिलाओ,
क्या तुम्हारा मन नहीं करता है,
मेरे साथ और रहने का,
सच बताओ,
तुम्हारे लिए सच में क्या सिर्फ कुछ वक्त की मुलाकात काफी है?
क्या तुम्हें मेरे जैसा एहसास नहीं होता है,
क्योंकि मैं तो जब तुम्हारा हाथ छोड़ देती हूं ना,
तुम्हें खुद से दूर भेजने के लिए,
मेरा मन तो उदास हो जाता है।
No comments:
Post a Comment