तुझसे मेरा प्यार करना कुछ ऐसा है,
की हर पल मेरे जहन में बस तेरी यादों की बरसात है,
और जब न हो पास तु मेरे,
तो इन आँखों में आंसुओं का सैलाब है।
तुम्हारी चिट्ठी जिस दिन मिल जाती थी,
इस संदेश के साथ की तू लौट के आ रहा है,
उसी दिन से ही इन खाली-सी आँखों में,
तेरे दीदार का इंतजार है।
रास्तों पर पलके बिछाए,
मेरी आंखें तेरा राह तकती है,
आज रूबरू हो गया है वो मेहबूब मेरा,
जिसकी एक झलक पाने को मेरी आँखें तरसी है।
दिल में बेकरारी है,
जानकर खुश है आज बहुत ये,
की आज की रात सिर्फ मेरी नही,
आज की रात हमारी है।
तुझसे मेरा प्यार करना कुछ ऐसा है,
की अब मैं भी अपनी न रही,
तेरे प्यार में रहकर,
मैं धीरे धीरे तेरी हो रही,
तेरे प्यार में रहकर,
मैं धीरे धीरे तेरी हो रही।
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