Sunday 19 May 2024

अगर इजाज़त हो तेरी


 

अगर इजाज़त हो तेरी, 

तो मैं तेरी इक रात चुरा लूं, 

तेरे दिल में ना सही, 

तेरे किसी एक ख़्वाब में मैं अपनी छोटी-सी जगह बना लूं, 

तेरी आने वाली जिंदगी का हिस्सा बेशक न रहूं मैं, 

पर क्या तेरे ये सारे अतीत बनने वाले लम्हों में, 

मैं तेरे साथ सिर्फ कुछ दिन का वक्त बिता लूं, 

अगर इजाज़त हो तेरी, 

तो तू जब मेरे साथ न भी रहे, 

क्या तुझे मैं अपने दिल में रखकर, 

जब भी मुझे तेरी याद आए, 

तेरे पास होने का एहसास अपने अंदर जगा लूं, 

अगर इजाज़त हो तेरी, 

तो क्या मैं तुम्हें एक तरफा प्यार के साथ अपना बना लूं, 

क्या मैं तुम्हें एक तरफा प्यार के साथ 

अपना बना लूं।


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