Saturday 18 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 19

 


आहना को किडनैप करने की कोशिश के लिए अर्जुन ने निखिल को जल्दी ही अरेस्ट कर लिया और निखिल को कानूनी सजा दिलवाई। अयांश जो इन सब से से अंजान था, आराम से अमेरिका में अपनी पढ़ाई कर रहा था। उसके कॉलेज का दूसरा साल भी जल्दी से बीत गया।  उसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी इसलिए वो बहुत ही खुश था की अब वो जल्दी से आहना के पास जा पाएगा। आहना की याद आते ही उसने जल्दी से आहना को फोन लगाया।  


आहना ने फोन उठाया और कहा, “हेलो अयांश।”


“हेलो टेडी बियर। कैसी हो?” अयांश ने पूछा। 


“ठीक हूँ। बस तुम्हे मिस कर रही हूँ।” आहना ने पूछा। 


“मैं भी तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ।” अयांश ने उदास होकर कहा। 


“पर कोई बात नही। सिर्फ कुछ दिनों की बात और है। फिर हम हमेशा साथ रहेंगे।” आहना ने कहा। 


“यह दो साल भी मुझे दो हजार साल जैसे लगे है। अब तो वापिस आते ही मैं तुमसे शादी कर लूंगा बस मुझसे एक वादा करो।” अयांश ने कहा। 


“कैसा वादा, अयांश।” आहना ने पूछा।


“आहना, जब मैं यहाँ आ रहा था तो पापा ने मुझसे एक बात कही थी की उन्होंने तुम्हे मेरे लिए इसलिए चुना है की तुम मेरी सबसे बड़ी ताकत बन सको, मेरी कमजोरी नही। मैं तुम्हें अपनी ताकत बनाना चाहता हूँ की मैं जब भी गिरू, तुम मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाओ और हिम्मत दो हर प्रोब्लम से निकलने की।” अयांश ने कहा और उसके जवाब का इंतजार करने लगा।


आहना मुस्कुराई और कहा, “मैं वादा करती हूँ, अयांश की मैं तुम्हारी ताकत बनके रहूंगी। जिंदगी के हर एक कदम पर हमेशा तुम्हारा हाथ थामे तुम्हारे साथ चलूंगी।”


वो दोनों एक दूसरे से पूरे दो घंटे तक बातें करते रहे। जैसे ही अयांश ने आहना से बात करके फोन काटा, नुपुर उसके पास आकर बैठ गई। वो थोड़ी परेशान लग रही थी इसलिए अयांश ने उससे पूछा, “इस एवरीथिंग फाइन, नुपुर? तुम कुछ परेशान लग रही हो।” 


“एक्चुअली, मुझे अपनी फ्रेंड की पार्टी में जाना है। वहाँ उसके और भी दोस्त होंगे जो पता नही कैसे होंगे इसलिए मैं नहीं जाना चाहती पर मैं उसे मना भी नही कर सकती। कोई है भी नही जो मेरे साथ जा सके।” कहकर नुपुर अयांश को देखने लगी और फिर उससे पूछा, “क्या तुम मेरे साथ चल सकते हो?” 


अयांश जाना नही चाहता था। वो नुपुर को मना कर पाता इससे पहले ही नुपुर ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, “प्लीज़ ना मत कहना। मैं वहाँ अकेले नही जा सकती।” 


अयांश को कुछ अजीब लग रहा था इसलिए उसने कहा, “मैं समीर से कह देता हूँ। वो चला जाएगा तुम्हारे साथ।” 


“नही, मैं समीर के साथ नही जा सकती। मुझे अयांश को मनाना होगा वरना मेरा सारा प्लान बिगड़ जाएगा।” नुपुर ने सोचा और फिर कहा, “मुझे समीर पर भरोसा नही है पर मैं तुम्हारे ऊपर आसानी से यकीन कर सकती हूँ क्योंकि तुम मेरी मॉम की दोस्त के बेटे हो। प्लीज अयांश, मेरे साथ चलो।”


इस बार उसकी रिक्वेस्ट करने पर अयांश मान गया और कहा, “ठीक है पर हम वहाँ से जल्दी वापिस आ जाएंगे।” 


“पक्का।” कहकर नुपुर तैयार होने चली गई। अयांश भी अपने कमरे में तैयार होने चला गया। 


आधे घंटे बाद वो दोनों तैयार हो गए। अयांश समीर को बताकर नुपुर के साथ घर से निकल गया। नुपुर की दोस्त ने उसके लिए गाड़ी भेजी थी। पाँच मिनिट इंतजार करने के बाद गाड़ी आ गई। 


अयांश और नुपुर गाड़ी में बैठ गए। अयांश नुपुर से थोड़ा दूर होकर बैठ गया और बाहर देखने लगा। नुपुर ने उसे देखा और हल्का सा मुस्कुराते हुए सोचा, “अभी रहलो जितना दूर रहना है तुम्हें मुझसे क्योंकि आज रात के बाद तुम मुझसे दूर नही रह पाओगे।” 


जल्दी ही वो दोनों पार्टी में पहुँच गए। नुपुर अपनी दोस्त, अमीषा को देखते ही उससे गले मिली और फिर उसे अयांश से मिलवाया। नुपुर अमीषा के साथ पार्टी एंजॉय करने लगी और अयांश वहाँ चुपचाप सोफे पर आकर बैठ गया। वो वहाँ बैठे हुए सबको देख रहा था। कुछ लड़के लड़कियां नाचने में लगे थे तो कुछ बातों में। अचानक से उसे वहाँ बैठे हुए आहना का ख्याल आया तो वो मुस्कुराने लगा। 


नुपुर जो अब तक अमीषा के साथ बातों में लगी हुई थी, जब उसने अयांश को ऐसे मुस्कुराते हुए देखा तो समझ गई कि वो आहना के बारे में ही सोच रहा है। 


“मैंने तुम्हें कुछ लाने के लिए कहा था। क्या वो लेकर आई हो तुम?” नुपुर ने अमीषा से पूछा। 


अमीषा ने अयांश को देखा और कहा, “मैं लाई तो हूँ पर तुम्हें उसके साथ ऐसा कुछ भी नही करना चाहिए।” 


“ये सब तुम मुझे मत सिखाओ की मुझे क्या करना है। प्यार करती हूँ मैं इससे और पाना चाहती हूँ इसे।” नुपुर ने एक ग्लास में जूस डालते हुए कहा। 


“नुपुर पागल मत बनो। तुम जबरदस्ती उसे पा सकती हो पर उसका प्यार नही। उसके साथ अपनी भी लाइफ बर्बाद करोगी तुम ये सब करके।” अमीषा ने उसे समझाने की कोशिश करते हुए कहा पर नुपुर के ऊपर तो अब जुनून सवार था अयांश को पाने का, इसलिए  उसने अमीषा की बातों पर ज्यादा ध्यान न देते हुए कहा, “मुझे तुम्हारी ये बातें नही सुननी है। वो दो जो मैंने मंगवाया था तुमसे।” 


अमीषा ने चुपचाप एक पैकेट अपने पर्स से निकालकर उसे दे दिया और वहाँ से चली गई। नुपुर ने पैकेट में से एक गोली निकालकर जूस में मिलाई और ग्लास लेकर अयांश के पास आई। उसने मुस्कुराते हुए अयांश से कहा, “क्या हुआ अयांश? तुम यहाँ ऐसे अकेले क्यों बैठे हो? पार्टी एंजॉय करो।” 


“नही, मैं यहीं ठीक हूँ।” कहकर अयांश मुस्कुरा दिया। 


“अच्छा ठीक है। मैं तुम्हारे लिए ये जूस लाई थी।” कहते हुए नुपुर ने अयांश को ग्लास दे दिया। अयांश ने जूस का एक घूंट भरा और नुपुर को थैंक्यू कहा। नुपुर अमीषा के पास चली गई। अयांश ने धीरे धीरे जूस खतम किया और ग्लास टेबल पर रखा। थोड़ी देर बाद उसे महसूस हुआ की उसके सिर में बहुत दर्द हो रहा है और उसे चक्कर आने लगे। उसे सब धुंधला धुंधला सा नजर आने लगा। वो वहाँ से घर जाना चाहता था इसलिए वो नुपुर के पास जाने के लिए खड़ा हुआ। जैसे ही वो एक दो कदम चला, उसे लगा की उसकी टांगें कमज़ोर हो गई है। वो वापिस सोफे पर आकर बैठ गया। उसने अपना सिर पकड़ लिया और फिर वो बेहोश हो गया। 


नुपुर उसे बेहोश होता देखकर शैतानी मुस्कान के साथ मुस्कुरा उठी। वो अयांश के पास आई। ये पक्का करने के लिए की अयांश बेहोश हो चुका है, उसने अयांश को कंधे से पकड़कर उठाने की कोशिश की। जब उसे यकीन हो गया की अयांश बेहोश हो चुका है, उसने अमीषा को बुलाया और कहा, “इसे कमरे तक लेकर जाने में मेरी मदद करो।” 


“नुपुर तुम्हें क्या हो गया है? तुम क्यों ये नही देख पा रही की तुम गलत कर रही हो? कुछ नही मिलेगा तुम्हें इन सबसे सिवाय कुछ वक्त की खुशी के। आखिर में तुम्हारे पास सिर्फ तन्हाई और अयांश की नफरत होगी।” अमीषा ने कहा जिससे नुपुर को गुस्सा आने लगा तो उसने कहा, “तुम मेरी इतनी परवाह मत करो बस इसे कमरे में लेकर चलो मेरे साथ।” 


अमीषा ने अयांश को कमरे तक पहुँचाने में उसकी मदद की। अयांश को बेड पर लेटाने के बाद, नुपुर ने अमीषा से कहा, “अब तुम जाओ यहाँ से और ध्यान रखना की हमें कोई भी डिस्टर्ब न करे।” 


नुपुर ने अमीषा के जाते ही दरवाज़े को अंदर से बंद किया और अयांश को देखकर मुस्कुराने लगी। रात का माहौल बेशक अयांश के लिए शांत था पर आने वाली सुबह उसकी और आहना की जिंदगी में अपने साथ बहुत से तूफान लाने वाली थी। 


Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 20


No comments:

Post a Comment