Monday 20 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 20

 


सुबह सूरज की रोशनी चेहरे पर पड़ने से अयांश की आँख खुली। वो धीरे से उठा। उसका सिर अभी भी दर्द कर रहा था। उसने इधर उधर देखा तो पाया कि वो अपने कमरे में नही था और उसकी टीशर्ट नीचे जमीन पर गिरी हुई थी। “मैं ऐसे यहाँ क्या कर रहा हूँ?” सोचते हुए वो इस बारे में याद करने की कोशिश करने लगा की कल रात को क्या हुआ था पर उसे कुछ भी याद नही आया। 


उसने बेड से खड़े होकर जल्दी से अपनी टीशर्ट उठाकर पहनी। वो वहाँ से निकलना चाहता था इसलिए वो दरवाज़े की तरफ जाने ही लगा था की तभी दरवाजा खुला और हाथ में नींबू पानी से भरा ग्लास लिए नुपुर अंदर आई। 


नुपुर को देखकर अयांश को याद आया की वो यहाँ कल नुपुर के साथ पार्टी में आया था। नुपुर ने मुस्कुराते हुए अयांश को देखा। ग्लास को टेबल पर रखकर वो अयांश के करीब आई और उसे किस करते हुए कहा, “तुम्हारा सिर दर्द कर रहा होगा ना। मैं तुम्हारे लिए नींबू पानी लाई हूँ।” 


अयांश को शुरू से ही नुपुर का अपने इस तरह करीब आना अच्छा नही लगता था और इस बार तो नूपुर उसे किस कर रही थी जिससे अयांश को गुस्सा आ गया। अयांश ने नूपुर को दूर धकेला और चिल्लाते हुए कहा, “ये क्या कर रही हो तुम?” 


नुपुर हल्का सा हँसी और कहा, “मैं वही कर रही हूँ जो हमने कल रात में किया था।” 


अयांश ये सुन हैरान हो गया और कहा, “ये तुम क्या कह रही हो?” 


“मैं सच कह रही हूँ। नही यकीन हो रहा तो ये देखो।” कहते हुए नुपुर ने अपना फोन जेब से निकाला और अयांश को दे दिया। अयांश ने देखा उसमें उसकी और नुपुर की इंटीमेट तस्वीरें थी। नुपुर ने उससे फोन छीन लिया और पूछा, “अब हुआ यकीन?” 


अयांश ने कल रात के बारे सोचा तो उसे याद आया की नूपुर ने उसे कल रात जूस पीने के लिए दिया था। उसने नुपुर को देखा और कहा, “मैं ये नही कर सकता। कल रात तुमने मुझे जूस दिया था ना। तुमने ही उस जूस में कुछ मिलाया होगा क्योंकि अपनी होश में रहते हुए मैं ऐसा कुछ नही कर सकता।” 


“बैठके बात करते है अयांश। बैठो और ये नींबू पानी पिलो। तुम्हें अच्छा लगेगा।” कहकर नुपुर ने टेबल से ग्लास उठाकर जैसे ही अयांश को देना चाहा, अयांश ने गुस्से से उसे देखते हुए उसके हाथ से ग्लास छीनकर जोर से जमीन पर फैंक दिया और कहा, “इसमें भी तुमने कुछ मिलाया ही होगा जैसे कल रात जूस में मिलाया था।” 


नुपुर को भी अब गुस्सा आ गया। वो अयांश ने करीब आई और उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “सच कहा तुमने। तुम अपनी होश में ऐसा कुछ नही कर सकते इसलिए मिलाया था मैंने कुछ तुम्हारी ड्रिंक में जिससे तुम बेहोश हो जाओ।” 


“क्यों किया तुमने ऐसा? आखिर क्या चाहती हो तुम मुझसे।” अयांश ने गुस्से में पूछा। 


“तुम्हें। तुम्हें चाहती हूँ मैं। तुमसे शादी करना चाहती हूँ मैं।” नुपुर की बात सुनकर अयांश चौंक गया। वो कुछ कहता इससे पहले नूपुर ने फिर कहा, “अगर तुमने ना कहा तो मैं तुम्हारे पापा और आहना को हमारी फोटोज अभी भेज दूंगी।” 


“और तुम्हें लगता है आहना मुझसे ज्यादा भरोसा इन तस्वीरों पर कर लेगी।” अयांश ने कहा तो नूपुर हँसी और कहा, “नही, वो तुम्हारे ऊपर ही भरोसा करेगी पर अगर उसने इन तस्वीरों पर भरोसा कर लिया तो क्योंकि इन तस्वीरों को देखकर कोई भी यही सोचेगा की तुम मेरे साथ सोए हो।” 


“मेरी आहना ऐसी नही है की सिर्फ कुछ तस्वीरें देखकर वो मेरे ऊपर भरोसा न करे और मेरा साथ छोड़ दे। वो भी इतना प्यार करती है मुझसे और इसी प्यार के चलते वो मुझे समझने की कोशिश करेगी की ये सब मैंने जान बूझकर नही किया। आहना प्यार है मेरा और ये रिश्ता खूबसूरत होने के साथ साथ मजबूत भी बहुत होता है की दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत इसे तोड़ नही सकती पर तुम्हें ये कैसे समझ आएगा क्योंकि तुम प्यार को समझ ही नही सकती।” अयांश को इस बात से नुपुर को गुस्सा आने लगा। 


“क्या है प्यार जो आहना तुमसे कर सकती है पर मैं नही? आहना में ऐसा क्या है जो मुझमें नही है?” नुपुर ने चिल्लाते हुए पूछा।” 


“तुम सिर्फ मुझे पाना चाहती हो और मुझे अपने करीब रखना चाहती हो और अगर मैं तुमसे दूर जाऊं तो तुम्हें बर्दाश्त नही होगा। ये है तुम्हारा प्यार और आहना वो मुझसे दूर है पूरे दो साल से फिर भी वो मुझसे ही प्यार में है। उसमें और तुम में ये फर्क है की आहना मेरे साथ कभी कुछ गलत नही करेगी जैसा कल रात तुमने किया। वो तुम्हारी तरह मुझे जबरदस्ती अपने साथ रहने के लिए मजबूर नही करेगी बल्कि मेरी खुशी के लिए वो मुझे खुदसे दूर करने की हिम्मत रखती है। ये फर्क है आहना में और तुम में। आहना जैसा प्यार तुम नही कर सकती।” अयांश की बातों ने नुपुर के गुस्से को और ज्यादा बढ़ा दिया और उसने कहा, “ठीक है, अब मैं देखती हूँ की क्या तुम भी आहना से उसके जैसा प्यार कर सकते हो। आहना तुम्हें तुम्हारी खुशी के लिए खुदसे दूर कर सकती है पर क्या तुम ये कर सकते हो?” 


“मतलब क्या है तुम्हारा।” अयांश ने पूछा। 


“मतलब ये की अगर तुमने मुझसे शादी नही की तो मैं आहना की जिंदगी बरबाद करदूंगी।” नुपुर ने कहा। 


“तुम ऐसा कुछ नही करोगी।” अयांश ने गुस्से से कहा तो नूपुर हँसने लगी और उसने कहा, “अगर तुम नही माने तो मैं ऐसा करूंगी इसलिए सोच समझकर फैसला लेना। मिलते है हमारी शादी में।” कहकर नुपुर कमरे से बाहर निकल गई। 


उसके जाते ही अयांश अपना सिर पकड़कर बैड पर बैठ गया और सोचने लगा, “मैं नुपुर से शादी कैसे कर सकता हूँ पर अगर मैंने नूपुर से शादी नही की तो वो आहना की जिंदगी बरबाद करदेगी। नही, मैं ऐसा नही होने दे सकता। मैं आहना के लिए हर तकलीफ सह सकता हूँ पर उसे तकलीफ में नही देख सकता। मुझे आहना की जिंदगी के लिए आहना को खुद से दूर करना होगा और नुपुर से शादी करनी होगी।” उसकी आँखों से एक आँसू निकलकर गाल पर बह गया। 


उसे अपने इस फैसले पर गुस्सा तो आ रहा था पर आहना के लिए उसे ऐसा करना था क्योंकि वो समझ चुका था की अगर नुपुर सिर्फ उसे पाने के लिए इतना सब कुछ कर सकती है तो वो आहना को उससे दूर करने के लिए भी बहुत कुछ कर सकती है। 


वो कमरे से बाहर निकला तो नुपुर कि दोस्त उसे मिल गई। वो अयांश को देखकर खड़ी हुई और कहने लगी, “कल रात तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए आई एम सॉरी, अयांश।” 


“तुम सब जानती थी न की नुपुर मेरे साथ क्या करने वाली है और तुमने उसे रोकने के बजाय उसका साथ भी दिया।” अयांश गुस्से में चिल्ला उठा। 


"आई एम सॉरी, अयांश। मैंने नुपुर को रोकने की कोशिश की थी पर उसने मेरी एक नही मानी।” नुपुर की दोस्त ने कहा। 


“तुम्हारी सॉरी से मेरी लाइफ में जो भी होने जा रहा है वो रुक नही जाएगा बस ये याद रखना की मेरे साथ साथ नुपुर की लाइफ भी बरबाद होगी।” कहकर अयांश वहाँ से निकल गया। 


Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 21


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