Tuesday 21 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 22


समीर की बातों से अयांश को अहसास हुआ की उससे बहुत बड़ी गलती हो चुकी है। वो आहना को कोई तकलीफ में नही देख सकता था इसलिए उसने आहना से दूर होने का फैसला किया और नुपुर से शादी की पर उसने ये तो सोचा ही नही की उसके इस फैसले से तो आहना को सबसे ज्यादा तकलीफ होगी। उसने अपना सिर पकड़ लिया और कहा, “मुझसे जल्दी में बहुत बड़ी गलती हो गई यार। मैंने ये कैसे नही सोचा की आहना को आने वाली तकलीफों से बचाने के लिए मैं नुपुर से शादी करने का फैसला लेकर आहना को सबसे ज्यादा तकलीफ देने जा रहा हूँ। इतनी तकलीफ जितनी उसे नुपुर भी नही दे पाती मेरे होते हुए।” 

“तुझे इतना बड़ा फैसला इतनी जल्दी नही लेना चाहिए था। ये फैसला लेने से पहले एक बार किसी से बात करनी चाहिए थी तुझे। मुझसे ही बात कर लेता एक बार।” समीर ने कहा तो अयांश ने उसे देखा और कहा, “मैं बहुत डर गया था यार। कुछ समझ नही आ रहा था। बस कुछ समझ आ रहा था तो वो ये था की मैं अपनी आहना को दर्द में नही देख सकता।” 

“इस नुपुर को तो मैं छोडूंगा नही। तूने इसकी इतनी मदद की और इसने ये सब किया तेरे साथ।” समीर ने गुस्से में कहा और कमरे से बाहर लिविंग रूम में आया जहाँ नुपुर आराम से अमीषा के साथ बैठी हुई थी। अयांश भी उसके पीछे पीछे आ गया। 

समीर नुपुर के पास आया और कहा, “तुम्हें शर्म नही आई उस इंसान के साथ इतना सब कुछ करते हुए जिसने तुम्हारी इतनी हेल्प की।” 

नुपुर मुस्कुराई और कहा, “मेरी क्या गलती है इसमें? मैं अयांश को पसंद करती थी और इसे अपना बनाना चाहती थी। मैंने तो बस वही किया जो इसके लिए मुझे सही लगा। रही बात हेल्प की तो अयांश को इतना भी अच्छा नही होना चाहिए था। आफ्टर ऑल, लोग अच्छाई का फायदा तो उठाते ही है और तुम मुझे अकेले ब्लेम नही कर सकते इन सब के लिए। इन सब में रिद्धिमा आंटी भी मेरे साथ है।” 

ये सुनते ही अयांश ने हैरानी से नुपुर को देखा। उसे यकीन नही हो रहा था या जैसे उसका दिल ये मानने को तैयार नही था की रिद्धिमा उसके साथ ऐसा कर सकती है इसलिए उसने कहा, “तुम झूठ बोल रही हो। आई नो मॉम आहना को पसंद नही करती पर वो मेरे साथ ऐसा कभी नही करेंगी। वो आहना को मुझसे दूर करने की कोशिश नही करेंगी।” 

अयांश को ऐसे देखकर नुपुर ने फैसला किया की वो उसे ये यकीन दिलाने के लिए की रिद्धिमा उसके साथ ऐसा कर सकती है, वो सब कुछ बता देगी जो रिद्धिमा ने एक साल पहले आहना के साथ करना चाहा था। वो उठकर अयांश के करीब आई और कहने लगी, “अगर वो तुम्हारे साथ ऐसा नही कर सकती तो उन्होंने एक साल पहले आहना को किडनैप करवाने की कोशिश क्यों की थी और ये सब जो मैंने तुम्हारे साथ किया है, ये भी तुम्हारी मॉम की ही प्लानिंग थी। अब भी तुम्हें लगता है की वो ये सब तुम्हारे साथ नही कर सकती।” 

ये सुनकर अयांश चौंक गया और उसने कहा, “मेरी मॉम ऐसा…ऐसा नही कर सकती। तुम झूठ…झूठ बोल रही हो।” 

नुपुर हँसने लगी और बोली, “अच्छा ठीक है। मैं झूठ बोल रही हूँ पर तुम्हारी वो आहना, वो तो सच बताएगी न सब कुछ तुम्हें। तो उसी से क्यों नही पूछ लेते तुम की एक साल पहले उसके साथ क्या हुआ था।” उसने कुछ सोचा और फिर कहा, “जानना चाहोगे किसके साथ मिलके किया था तुम्हारी मॉम ने ये सब कुछ।” 

अयांश ने कुछ नही कहा तो नूपुर ने वापिस सोफे पर बैठकर कहा, “तुम्हारे बेस्टफ्रेंड निखिल के साथ मिलकर किया उन्होंने ये सब कुछ। उनका प्लान था की निखिल आहना को किडनैप करके उससे शादी करके वहाँ से और तुम्हारी जिंदगी से दूर ले जाए पर उस आहना की किस्मत अच्छी निकली और तुम्हारे डैड ने उसे बचा लिया।” आखिरी शब्द उसने नफरत भरे लहजे में कहे। 

अयांश को ये सब जानकर बहुत गुस्सा आ रहा था साथ ही उसे दुख भी था। उसे गुस्सा इसलिए आ रहा था क्योंकि उसकी गैर मौजूदगी में रिद्धिमा और निखिल ने आहना के साथ इतना सब कुछ करने की कोशिश की और दुख इस बात का था की आहना और राकेश ने उससे ये बात छुपाई। उसने किसी से कुछ भी नही कहा बस चुपचाप वहाँ से अपने कमरे के अंदर चला आया और दरवाजा अंदर से बंद करके रोने लगा क्योंकि उसके लिए ये यकीन कर पाना मुश्किल था की गैरों से ज्यादा दर्द उसके अपनों ने उसे दिया था।

***

आहना अयांश के घर में कबीर के साथ डिनर के लिए आई हुई थी। वो सब लिविंग रूम में बैठे बातें कर रहे थे। रिद्धिमा भी वहीं बैठी चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी। राकेश ने आहना को देखा जो उनके पास ही बैठी थी और फिर कबीर से कहा, “कबीर, एक हफ्ते बाद अयांश वापिस आ रहा है। उसके आने की खुशी में मैं एक पार्टी रखने वाला हूँ तो मैं सोच रहा था की क्यों ना उसी पार्टी में हम आहना और अयांश की सगाई कर दें।” 

ये सुनकर कबीर मुस्कुराए और कहा, “ये तो बहुत ही अच्छा होगा। मुझे भी लगता है की हमें अब इनकी सगाई करवा देनी चाहिए।” 

आहना ये जानकर बहुत खुश थी की बहुत जल्दी अयांश आने वाला है और फिर उसकी सगाई भी हो जाएगी अयांश से। रिद्धिमा ने साथ बैठे आहना और राकेश को देखा और सोचा, “तुम्हें जितना खुश होना है हो सकती हो आहना क्योंकि अयांश के आने के बाद तुम्हारी ये सारी खुशियां दर्द में बदल जाएंगी। पता नही क्या होगा उस वक्त तुम्हारा जब तुम्हे पता चलेगा की अयांश तुम्हारा नही रहा और तुम राकेश, पार्टी तो तुम रखोगे पर आहना और अयांश की सगाई की नही बल्कि नुपुर और अयांश की रिसेप्शन पार्टी।” 

अयांश ने पिछले एक हफ्ते से खुदको कमरे में ही कैद रखा हुआ था। नुपुर को इस बात से ज्यादा फर्क नही पड़ा पर समीर को अयांश की फिक्र रहती क्योंकि अयांश खाने के लिए भी बाहर नही आता था पर फिर भी समीर उसे कमरे में ही जाकर जबरदस्ती थोड़ा बहुत खिला देता था जिससे अयांश की तबियत खराब न हो। 

इस वक्त वो सब एयरपोर्ट पर खड़े थे क्योंकि आज अयांश को वापिस जाना था। नुपुर जहाँ खुश थी वहीं अयांश का मन उलझनों से घिरा हुआ था की वो घर पहुँचकर आहना और राकेश से क्या कहेगा की उसने नुपुर से शादी क्यों की और क्या आहना उसे समझेगी। अयांश के पास बस ये सब सवाल जिनके जवाब उसे घर पहुँचकर ही मिल सकते थे। 

समीर अयांश से गले मिला और कहा, “तू टेंशन मत लियो। मुझे पूरा भरोसा है की आहना तुझे समझेगी।” 

अयांश बस हल्का सा मुस्कुरा दिया और फिर अपना सामान लेकर नुपुर के साथ एयरपोर्ट के अंदर चला गया। फ्लाइट में बैठकर नुपुर ने उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की तो उसने अपने दोनों हाथों में किताब पकड़ ली। नुपुर ने उसे वहाँ कुछ नही कहा और अपने फोन में गाने सुनने लग गई। 

एक लंबे सफर के बाद उनकी फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पहुँची। अपना सामान लेने के बाद अयांश नुपुर के साथ एयरपोर्ट से निकलने के लिए जैसे ही आगे बढ़ता है, नूपुर उसका हाथ पकड़ लेती है। वो अपना हाथ छुड़वाने की कोशिश करता है तो नूपुर कहती है, “मत करो कोशिश अयांश। तुम शायद भूल चुके हो की अब तुम मेरे हो।” 

“और तुम शायद ये भूल रही हो की तुमसे शादी मैंने सिर्फ आहना को बचाने के लिए की है।” अयांश ने कहा तो नूपुर मुस्कुराने लगी और बोली, “आहना, उसे कैसे भूल सकती मैं। अब तो मैं तुम्हारा हाथ बिल्कुल भी नही छोड़ने वाली क्योंकि तुम्हारी आहना बाहर ही खड़ी होगी। जरा देखे तो सही की उसे कितनी तकलीफ होती है तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में देखकर।” 

नुपुर की बात सुनकर अयांश परेशान हो गया। उसे तो इस बात का ध्यान ही नही था की आहना उसे लेने एयरपोर्ट आएगी। उसने एक बार फिर अपना हाथ नुपुर के हाथ से छुड़वाने की कोशिश की पर नुपुर ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली और उसे बाहर चलने के लिए कहा। अयांश अब खुदको आहना का सामना करने के लिए तैयार करने लगा। 

राकेश आहना को अपने साथ एयरपोर्ट ले जाने के लिए उसके घर पहुँचे। कबीर को कुछ जरूरी काम था इसलिए वो उनके साथ नही जा रहे थे। रिद्धिमा भी वहीं बैठी हुई थी पर आज उसे गुस्सा नही आ रहा था बल्कि वो तो आहना को आज खुद अपने साथ ले जाना चाहती थी जिससे वो देख सके की आहना की क्या हालत होगी जब वो अयांश को नुपुर के साथ देखेगी।

“आहना बेटा, कितना टाइम लगेगा। अंकल और आंटी वेट कर रहे है तुम्हारी।” कबीर ने जैसे ही कहा आहना अपने कमरे से बाहर आ गई। आज उसने बहुत ही खूबसूरत हल्के पर्पल रंग का अनारकली सूट पहना हुआ था जिसके दुप्पटे को उसने अपने कंधे पर पिन अप किया हुआ था। कानों में झुमके, माथे पर छोटी सी बिंदी और खुले बालों में वो बहुत ही प्यारी लग रही थी। 

राकेश उसे और रिद्धिमा को लेकर एयरपोर्ट के लिए निकल गए। आहना का दिल जोर से धड़क रहा था क्योंकि वो पूरे दो साल बाद अयांश को सामने से देखने वाली थी। आहना ने रास्ते में से अयांश के लिए लाल गुलाबों का एक खूबसूरत गुलदस्ता खरीदा और एयरपोर्ट पहुँचकर वो दरवाजे की तरफ देखते हुए बेसब्री से अयांश के आने का इंतजार करने लगी। 

कुछ वक्त बाद उसे अयांश बाहर आता हुआ दिखाई दिया। अयांश को देखकर वो मुस्कुराने लगी पर अगले ही पल उसकी मुस्कान गायब हो गई जब उसकी नजर अयांश के साथ उसका हाथ थामे चल रही नुपुर पर गई। 


Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 23

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