Friday 10 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 12


अयांश अपनी आगे के पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहता था। उसने जब आहना को इस बारे में बताया तो आहना उदास हो गई हालांकि वो पहले से ही जानती थी ये अयांश का सपना है और अयांश एक दिन इस सपने के लिए अमेरिका जाएगा पर उसे डर था कि अगर अयांश उससे दूर चला गया तो वो उसे खो देगी। उसे इस तरह देखकर अयांश ने कहा, “मैं वहाँ सिर्फ दो साल के लिए जा रहा हूँ, हमेशा के लिए नही।”

आहना ने उसकी ओर देखा और कहा, "मैं तुम्हें रोकूंगी नही क्योंकि मुझे पता है की तुम्हारा सपना है एक सक्सेसफुल बिजनेस मैन बनना पर पता नही क्यों तुम्हारा दो साल कहना भी ऐसा लग रहा है जैसे हमेशा के लिए दूर जा रहे हो तुम मुझसे।”

आहना की आँखों में आँसू आ गए। अयांश ने उसे गले लगाया और उसके माथे पर किस किया। अयांश को इस बात की परवाह नही थी कि लोग उन्हें देख रहे हैं लेकिन कैफे में सभी की निगाहें उन पर थी। 

“अयांश, मुझे छोड़ दो। सब हमें देख रहे है।” आहना ने कहा। 
अयांश ने उसे छोड़ दिया और पूछा, “मैं अपने लिए कुछ कपड़े खरीदना चाहता हूँ। क्या तुम मेरे साथ मॉल चलोगी?” 

"चलो चलते है।" आहना ने खड़े होकर कहा और वो दोनों कैफे से बाहर आ गए। दोनों पास ही एक मॉल में गए। अयांश एक दुकान में गया पर उससे कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या खरीदें? उसे कन्फ्यूस देखकर आहना आगे बढ़ी और उसने जल्दी से अयांश के लिए दस जीन्स और टी-शर्ट सेलेक्ट की। आहना ने उन्हें दुकानदार को दिया और कहा "इन्हें पैक कर दीजिए।” 

अयांश ने बिल चुकाया, कपड़ो के बैग लिये और आहना के साथ दुकान से बाहर आ गया। 

“मेरी शॉपिंग हो गई। चलो चलते है अब घर।” अयांश ने कहा। आहना उसके साथ चलने लगी तभी उसकी नज़र सामने एक दुकान पर गई तो उसने अयांश से कहा, “अयांश, तुम जाकर ये सारे बैग गाड़ी में रखो। मैं थोड़ी देर में आती हूँ। मुझे अभी याद आया की मुझे कुछ जरूरी सामान लेना है।” 

“मैं तुम्हारे साथ आता हूँ ना।” अयांश ने कहा पर आहना ने मना कर दिया तो अयांश सारे बैग लेकर वहाँ से चला गया। उसके जाने के बाद आहना दुकान में गई। उसने वहाँ से एक ब्रेसलेट खरीदा और उसे लेकर मॉल से बाहर आ गई। उसने पार्किंग में आकर देखा की अयांश गाड़ी के बाहर खड़ा उसका इंतजार कर रहा था। 

“चलो, अयांश।” आहना ने अयांश के पास आकर कहा। वो दोनों गाड़ी में बैठ गए। अयांश ने आहना को घर छोड़ा और फिर अपने घर चला गया।

अयांश की फ्लाइट तीन दिन बाद की थी। रात में वो घर के स्टडी रूम में चला गया जहाँ राकेश अपना कुछ काम कर रहे थे। उसने दरवाजा खटखटाया और अंदर चला गया। 

"पापा मैं आपसे आहना के बारे में बात करना चाहता हूँ।” उसने सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा।

राकेश ने कंप्यूटर स्क्रीन से नजरें हटाकर उसकी ओर देखा। एक मिनट के बाद, उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि तुम किस बारे में बात करने आए हो? तुम परेशान हो कि जब तुम दूर होंगे तो आहना यहाँ अकेली होगी और अगर रिद्धिमा या किसी और ने उसके साथ कुछ गलत करने की कोशिश की तो क्या होगा? यही बात है ना?” 

“जी पापा। यही बात है।” अयांश ने कहा और फ़िर पूछा, “पापा क्या आपको मेरा सबसे अच्छा दोस्त निखिल याद है?”  

“हाँ, बिल्कुल याद है। वो तुम्हारे साथ स्कूल में पढ़ता था।” राकेश ने कहा।

“वो भी आहना को पसंद करता है और मुझे डर है कि वो आहना के साथ कुछ गलत करने की कोशिश करेगा।” अयांश ने सीरियस होकर कहा।

राकेश ने स्टडी टेबल की दराज खोली। उन्होंने उसमें से एक लेटर निकालकर अयांश को देते हुए कहा, "ये लेटर आहना को दे देना।”

अयांश ने लेटर अपने हाथ में लिया और पूछा, “ये किसलिए है पापा? ” 

“आहना की ग्रेजुएशन हो चुकी है इसलिए मैं उसे अपनी कंपनी में जोब दे रहा हूँ। अगर वो हमारी कंपनी ज्वॉइन करती है तो वो हमेशा मेरी नज़रों के सामने रहेगी। आहना जोब के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रख सकती है। अगर वो और पढ़ना चाहती है तो मैं उसकी आगे की पढ़ाई का खर्चा उठाऊंगा।” राकेश ने कहा। 

“ठीक है पापा। मैं आहना से बात करके उसे ये लेटर दे दूंगा।” अयांश ये कहकर वहाँ से जाने ही वाला था कि राकेश ने उसे वापस बुलाया और कहा, “अयांश, मैंने आहना को तुम्हारे लिए इसलिए चुना है की वो जिंदगी के हर कदम में तुम्हारी ताकत बने। अगर तुम उससे प्यार करते हो तो उसे अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाओ, कमजोरी नही।” 

अगले दिन शाम को अयांश आहना के घर जाता है। आहना लिविंग रूम में ही बैठी थी। अयांश को वहाँ देखकर वह मुस्कुराई और उसे गले से लगा लिया। अयांश ने उसके माथे पर किस किया और आहना के साथ बैठ गया। आहना ने उसका हाथ पकड़ लिया। 

“क्या तुम मुझे मिस कर रहे थे, चॉकलेट? आहना ने अयांश की आँखों में देखते हुए पूछा। 

“हाँ, तुम्हें बहुत याद कर रहा था।” अयांश ने कहा।

“तुम अभी दूर भी नही गए और अभी से ही तुम्हें मेरी याद आने लगी। क्या होगा जब तुम मुझसे दूर हो जाओगे?” आहना ने पूछा और मुस्कुरा दी। 

“फिर, मैं तुम्हें रोज हजारों फोन कॉल से परेशान करूंगा।” आहना उसकी बातों पर हँसी, उसके गाल पर किस करके कहा, "मैं तुम्हें बहुत याद करूँगी।”

अयांश ने अपनी जेब से राकेश का दिया हुआ लेटर निकाला और आहना को देते हुए कहा, “पापा ने ये लेटर मुझे तुम्हें देने के लिए कहा था। ये तुम्हारी जोब के लिए है।” 

“मेरी जोब?” आहना ने लेटर को देखते हुए पूछा। 

“आहना, अब तुम्हारी ग्रेजुएशन हो चुकी है तो पापा चाहते है कि तुम हमारी कंपनी में काम करो। उन्होंने कहा कि तुम जोब के साथ-साथ आगे की पढ़ाई भी कर सकती हो अगर करना चाहती हो।” 

“पर मैं अभी जॉब नही करना…..” आहना ने कहना चाहा पर अयांश ने उसकी बात बीच में ही काटते हुए कहा, “मुझे पता है आहना की तुम पेंटर बनना चाहती हो पर मेरी बात ध्यान से सुनो। तुम्हें पता है कि मैं तुमसे कभी झूठ नही बोलूंगा। पापा ने तुम्हें ये जॉब इसलिए दी है जिससे निखिल या मेरी मम्मी  को तुम्हारे साथ कुछ गलत करने का मौका न मिल सके। तुम जानती हो कि मेरी मम्मी हमारे रिश्ते के खिलाफ है और निखिल, मुझे डर है कि वो तुम्हारे साथ कुछ गलत करने की कोशिश करेगा। अगर तुम पापा के साथ काम करोगी तो तुम हमेशा उनकी नजरों के सामने रहोगी और वो तुम्हारे साथ कुछ गलत नही होने देंगे जब मैं यहाँ नही रहुंगा।”  

अयांश ने उसे समझाया और उसके जवाब का इंतजार करने लगा। इस बारे में बहुत सोचने के बाद आखिरकार आहना मान गई और उसने कहा, "ठीक है, लेकिन मैं हर वक्त राकेश अंकल के साथ रहूंगी। मैं नही चाहती कि वो मुझे ऑफिस या कहीं पर भी अकेला छोड़े। मुझे भी निखिल से बहुत डर लगता है। याद है जब वो मेरे घर आया था और उसने मेरे करीब आने की कोशिश की थी। तुम नही आते तो क्या करती उस वक्त मैं।”

“वो सब पुरानी बातें थी। उन्हें भूल जाओ अब और जाकर तैयार हो जाओ। मैं तुम्हें कहीं लेके जाना चाहता हूँ।” अयांश ने कहा।

आहना खुश हो गई और उसने पूछा, “कहाँ लेकर जा रहे हो?” 

“सरप्राईज है। अब जाकर तैयार हो जाओ।” अयांश ने कहा तो आहना मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चली गई। 


Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 13


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