Wednesday 8 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 11


अयांश के आहना को सबके सामने प्रपोज किया और आहना को अँगूठी वापिस पहना दी जिसे देख नुपुर का दिल टूट गया और निखिल को बहुत गुस्सा आया। उसे गुस्से में देख रिद्धिमा समझ गई कि निखिल आहना को पसंद करता है। ये बात जानकर रिद्धिमा को बहुत खुशी हुई। निखिल आहना को अयांश के साथ नही देख पा रहा था इसलिए वहाँ से जाने लगा तो रिद्धिमा भी उसके पीछे पीछे बाहर आ गई।

बाहर आकर रिद्धिमा ने देखा की निखिल अपनी गाड़ी में बैठने ही वाला था। रिद्धिमा ने निखिल को आवाज लगाकर रोका और उसके पास जाकर कहा,  "निखिल, क्या मैं तुमसे कुछ बात कर सकती हूँ?" 

"जी आंटी।" निखिल ने गाड़ी का दरवाजा बंद करते हुए कहा। 
“क्या तुम आहना को पसंद करते हो?” रिद्धिमा ने मुस्कुराते हुए पूछा। 

“सॉरी आंटी, मैं आपको ये नही बता सकता।” निखिल ने कहा। 

“क्यों नही बता सकते बेटा? अगर तुम मुझे इस बारे में बताओ तो मैं तुम्हारी मदद करूंगी आहना से तुम्हारी शादी करवाने में।” रिद्धिमा ने कहा। 

“मैं करता हूँ आहना को पसंद पर आपने देखा न की वो अयांश को पसंद करती है और अयांश उसे पसंद करता है और आप मेरी हेल्प क्यों करेंगी आहना से मेरी शादी करवाने में जब आपका बेटा भी उससे शादी करना चाहता है। आप तो अपने बेटे का साथ देंगी ना?” निखिल ने कहा।

“मैं अयांश का साथ नही देने वाली। मैं आहना से बहुत नफरत करती हूँ।  मैं नही चाहती अयांश उससे शादी करे क्योंकी वो मेरी बहु बनने के लायक नही है। अगर तुम आहना को चाहते हो तो मैं खुद आहना से तुम्हारी शादी करवाऊंगी।” रिद्धिमा ने उसे देखते हुए कहा। 

रिद्धिमा की बाते सुन निखिल कुछ सोचने लगा और फिर कहा, “ठीक है पर आप जल्दी ही कुछ करेंगी। मैं आहना को अयांश के साथ नही देख सकता।” 

रिद्धिमा ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा, “अभी नही, बेटा। एक बार, अयांश यहाँ अपनी पढ़ाई पूरी कर ले। फिर आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चला जाएगा दो साल के लिए। उस वक्त तुम आहना से शादी कर लेना क्योंकी अयांश यहाँ नही होगा तो आहना को बचाने वाला भी कोई नही होगा। उस वक्त हम ये सब प्लान करेंगे की तुम आहना को यहाँ से दूर कैसे लेके जाओगे उससे शादी करने के लिए।” रिद्धिमा ने निखिल को समझाते हुए कहा। 

“आप क्या चाहती है की मैं आहना और अयांश को एक दूसरे के साथ देखता रहूं तब तक।” निखिल ने गुस्से में कहा। 

“कुछ ही महीनों में तुम सबके एग्जाम्स शुरू होने वाले है। उसके बाद सिर्फ दो साल की बात और है। थोड़ा तो बर्दाश्त करना होगा उन्हें साथ देखना तुम्हें अगर तुम आहना को पाना चाहते हो। मैं भी कर ही रही हूँ ना उस आहना को अपने बेटे के साथ बर्दाश्त। मदद तो मैं तुम्हारी अभी भी कर सकती हूँ पर इस वक्त अयांश यहाँ है और आहना के साथ अगर कुछ भी हुआ तो उसे पता लगाने में ज्यादा देर नही लगेगी की ये सब हमने किया है इसलिए दो साल का इंतजार तो करना ही होगा।” रिद्धिमा ने उसे समझाया। 

निखिल को भी रिद्धिमा की बात सही लगी। वो रिद्धिमा की बात मान गया क्योंकि आहना से शादी करने का मौका वो छोड़ नही सकता था। 

निखिल अपनी गाड़ी में बैठकर वहाँ से निकल गया और रिद्धिमा अंदर आ गई। अंदर आकर उसने देखा की आहना अयांश का हाथ थामे खुशी से खड़ी थी। राकेश और कबीर भी उनके साथ खड़े थे। उसने पहले आहना को नफरत भरी निगाहों से देखा फिर मुस्कुराते हुए आहना और अयांश की ओर चल दी। 

उन्होंने मुस्कुराते हुए पहले अयांश को गले लगाया फिर आहना के सामने आकर उसे गले लगाते हुए उसके कानों मे कहा, “जितना खुश होना है हो लो अभी क्योंकि मैं तुम्हें ज्यादा दिन अयांश के साथ नही रहने दूंगी।”   

आहना ने हैरानी से रिद्धिमा को देखा। आहना को रिद्धिमा की बात से बहुत बुरा लग रहा था और साथ ही डर भी की वो अयांश को खो देगी पर उसने वो डर अपने चेहरे पर नही आने दिया और अयांश को देखकर मुस्कुराने लगी। 

अयांश ने केक काटा और फिर सबने खूब डांस किया। देर रात सभी खाना खाकर अपने घर चले गए। अयांश चाहता था की आहना उसके साथ थोड़ी देर और रुके पर कबीर के साथ होने की वजह से वो आहना को नही रोक सकता था। आहना राकेश से मिली और अयांश को बाय बोलकर गाड़ी में बैठकर चली गई। 

अभी उन्हें अयांश के घर से निकले हुए दस मिनट ही हुए थे की आहना के फोन पर किसी का मैसेज आया। वो जानती थी की मैसेज अयांश का ही होगा इसलिए उसने पहले कबीर को देखा, जिनका सारा ध्यान रोड पर था। उसने अपना फोन अनलॉक किया और अयांश का मैसेज पढ़ने लगी जिसमें लिखा था “आहना, मैं तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूँ। तुम्हें रोकना चाहता था पर अंकल साथ थे इसलिए खुदको रोकना पड़ा तुम्हें रोकने से पर अब तुम्हारी बहुत याद आ रही है।” 

आहना मैसेज पढ़कर मुस्कुराते हुए मैसेज टाइप करने लगी। कबीर ने उसे ऐसे फोन में देखते हुए मुस्कराते देखा तो कहा, “लगता है अयांश को भी हमें अपने साथ ले आना चाहिए था।” 

आहना ने फोन नीचे रखा और कबीर से पूछा, “आप ऐसा क्यों कह रहे है पापा?” 

“वो तुम्हें इतना याद कर रहा है की अभी दस मिनट ही हुए है वहाँ से निकले हुए और उसके मैसेज आने शुरू भी हो गए। हमारे होने वाले दामाद का मन नही लग रहा तुम्हारे बिना।” कबीर ने मजाक में उसे छेड़ते हुए कहा। 

“क्या पापा आप भी?” आहना ने कहा और शरमाते हुए बाहर देखने लगी। 

कबीर हँसने लगे। आहना ने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने हँसना बंद कर दिया पर अगले ही पल फिर हँसने लगे। ये देखकर आहना भी हँसने लगी। कबीर ने प्यार से उसका सिर सहलाया और फिर गाड़ी चलाने लगे। 

एग्जाम्स शुरू होने से ठीक एक महीना पहले अयांश और आहना ने एक साथ पढ़ना शुरू किया। ज्यादातर दोनों आहना के घर बैठकर पढ़ा करते थे और पढ़ते हुए अयांश उसके घर पर ही सो जाया करता था। आहना जहाँ सभी किताबें अच्छे से पढ़ना चाहती थी की अच्छे नंबर लाए वहीं अयांश सिर्फ पास होने लायक जितना ही पढ़ना चाहता था। आहना ने बहुत बार उसे कहा की वो सब कुछ पढ़े पर उसने आहना की बात नही मानी। 

एग्जाम से एक दिन पहले वो दोनों ही देर रात तक आहना के घर में हॉल में बैठे हुए एक साथ पढ़ रहे थे और थक कर कब वहीं सो गए, उन्हें पता ही नही चला। 

सुबह कबीर जब अपने कमरे से निकलकर हॉल में आए तो उन दोनों को साथ देखकर मुस्कुरा उठे। 

"अयांश आहना, उठ जाओ। कॉलेज के लिए लेट हो जाओगे तुम दोनों।” कबीर ने उन्हें उठाते हुए कहा। 

“सोने दीजिए न पापा।” आहना ने नींद में ही कहा। 

“आहना, एग्जाम है बेटा आज तुम्हारा। उठ जाओ।” कबीर ने कहा। एग्जाम का नाम सुनते ही आहना एकदम से उठ गई और दीवार पर लगी घड़ी में टाइम देखा। उसने अयांश को उठाया और तैयार होने अपने कमरे में चली गई। 

अयांश भी गेस्ट रूम में जाकर तैयार होने लगा। नाश्ता आज कबीर ने बना लिया। उन दोनों ने जल्दी से नाश्ता किया और कॉलेज के लिए निकल गए। बीस मिनिट बाद दोनों कॉलेज पहुँच गए। 

“थैंक गॉड टाइम पर पहुँच गए।" आहना ने कहा और अयांश को  देखकर मुस्कुरा दी।

“ऑल द बेस्ट, टेडी बियर।” अयांश ने कहा और उसका हाथ पकड़ लिया। 

“ऑल द बेस्ट, चॉकलेट।” आहना ने भी कहा और दोनों अपना रोल नम्बर चेक करके अपनी अपनी सीट पर आकर बैठ गए। आहना ने ठीक पीछे निखिल आकर बैठ गया। 

आहना ने घबराकर पीछे मुड़कर अयांश को देखा तो उसने हल्का सा मुस्कुराकर उसे परेशान ना होने का इशारा किया। टीचर ने क्लास में आकर सबको पेपर दे दिए। आहना ने अपना पूरा ध्यान पेपर में लगा लिया। 

उनके सभी एग्जाम बहुत अच्छे गए। आखिरी एग्जाम के बाद अयांश आहना को लेकर उसी पार्क में आया जिसमे वो दोनों बचपन में आया करते थे। 

“थैंक गॉड, एग्जाम्स खत्म हो गए।” अयांश ने मुस्कुराते हुए कहा। 

आहना हँसने लगी और कहा, “तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे तुम्हारा कोई बहुत बड़ा काम खतम हुआ है।” 

“अब हर कोई आपके जैसा टॉपर नही होता न मैडम जो खुशी खुशी  सारे एग्जाम्स दे।” अयांश की बात सुनकर आहना ने उसके कंधे पर मारा और हँसने लगी। 

आहना और अयांश के कॉलेज के दो साल जल्दी से बीत गए और उनकी ग्रेजुएशन पूरी हो गई। इन दो सालों में उन दोनों का प्यार एक दूसरे के लिए और गहरा होता गया। पिछले दो सालों में उन दोनों ने एक साथ बहुत सारी खूबसूरत यादें बनाई। रिद्धिमा और निखिल ने उनके बीच समस्याएं पैदा करने की कोशिश की, लेकिन एक दूसरे पर उनके विश्वास और उनके प्यार ने उन समस्याओं को जीतने नही दिया। राकेश ने अयांश को आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजने का फैसला किया। 

अयांश और आहना एक कैफे के अंदर बैठे थे। अयांश ने जब आहना को बताया कि वो अमेरिका जा रहा है तो आहना के चेहरे पर उदासी छा गई।

Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 12 

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