Sunday 1 September 2024

गजल


वो रहती है होठों पर खामोशियां सजाए, 

उसके दिल में क्या छुपा है, 

ये उसकी आँखें बयां करती है, 

और जब बंद कर लेती है आंखों को वो, 

तो उसके चेहरे पर वो हल्की सी मुस्कान, 

मुझसे उसकी खूबसूरती बयां करने के लिए, 

गजल लिखवा लेती है । 

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