मुझे कबूल है तुझसे दूर जाना,
पर मेरा दिल भी तुम ही संभालना,
मेरे संभाले संभलता नहीं ये,
मुनासिब लगा मुझे,
इसे तेरे हवाले कर जाना,
अब खूब चलाना तुम,
मेरे इश्क़ पर अपनी मर्जियाँ,
चाहों तो याद रखना,
वरना अपने दिल से मुझे,
किसी बुरी याद की तरह मिटाना तुम,
मुझे कबूल है तुझे किसी और का होते हुए देखना,
बस मेरे प्यार की,
क्या कभी कोई जरूरत थी उन्हें,
इस बात का जवाब एक बार जरूर बताना तुम,
कबूल है मुझे तेरा हाथ छोड़ना,
बस एक आरज़ू है,
जाने से पहले एक आखिरी बार,
मुझे अपना प्यार जताना तुम।
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