तो तुम सुनते चले जाना,
मैं करूं नादानियाँ अगर,
तो तुम उन्हें देख मुसकुराना,
अगर कभी हो जाए गलती मुझसे कोई,
तो तुम प्यार से समझाना,
मेरे अंदर बचपना है,
तुम समझदारी दिखाना,
हर कोई नहीं समझता मेरी मासूमियत को,
तुम बिन कहे सब समझ जाना,
मैं इश्क़ को नादान रखने वाली,
तुम इसमे समझ मिलाना,
हमारे ये जो खट्टा मीठा इश्क़ है,
तुम दिल से इसे मेरे साथ निभाना।
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