याद है मुझे ,
वो पहली बार ,
हमारी नज़रों का मिलना ,
और दिल ही दिल में ,
तुम्हारा मुझे देखके मुस्कुराना |
याद है मुझे ,
जब हम दोनों इस सोच में थे ,
की दोबारा मुलाक़ात होगी या नहीं ,
क्या दोबारा एक दूसरे को देख पाएंगे कभी |
याद है मुझे ,
चोरी चुपके तुम्हारा मुझसे मिलने आना ,
बहाने बनाकर मेरा घर से निकलना ,
और फिर पूरा दिन ,
हाथों में हाथ डाले ,
नए सपने सजाना |
याद है मुझे ,
मुझे देखकर तुम्हारा वो मुस्कुराना ,
और मेरा तुम्हारी बाहों में ,
दोड़कर चले आना ,
एक अजीब सी बेकरारी थी ,
एक अजीब सा खुमार था वो
पर आज भी जब तुम्हारा हाथ थामकर चलती हूँ ,
तो एक मुस्कान चहरे पर आ जाती है ,
और मन में एक ही ख्याल आता है ,
की कितना हसीन हर एक पल था ,
याद है मुझे ,
जब सजाया हमने ,
अपना आने वाला कल था |
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