बारिश में भीगा हुआ,
वो भागता हुआ मेरे घर के सामने आया,
आहट महसूस कर किसी की,
मैंने दरवाजा खोला तो हमारे नज़रें टकराई एक दूसरे से,
अलग सी कशिश उसकी आँखों में,
मुस्कुराकर देखा जब उसने मुझे,
तो उसकी मुस्कान की वजह से,
उसके चेहरे पर एक चमक थी,
बारिश के साथ ठंडी हवाओं ने,
एहसास हुआ हम दोनों को ठंड का,
उसकी आँखों में कुछ यकीन देख,
मैंने उसे अंदर बुलाया,
अकेले रहने वाली लड़की को,
पहली बार खाने के वक्त किसी का साथ भाया,
बारिश रुकी तो जाने लगा वो,
उदास थी मैं क्योंकी वो जा रहा था,
पर खुशी भी थी,
क्योंकि बारिश के रुकने के साथ,
ये हमारे प्यार की शुरुआत की।
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