इतने सारे कपड़े होते हुए भी,
तुम्हारी टी-शर्ट पहनना इश्क़ है,
ये जानते हुए भी कि तुम्हें आने में देर हो जाएगी,
फिर भी देर रात तक खाने के लिए तुम्हारा इंतज़ार करना इश्क़ है,
जब तुम पास न हो,
तो सुबह तुम्हारे कप में चाय पीना इश्क़ है,
तुम्हें बार-बार मैसेज करके खाने के लिए याद दिलाना और अपना ख्याल रखना,
ये कहना भी इश्क़ है,
तुमसे छोटी छोटी बातों पर नाराज़ होना,
और फिर आसानी से मान जाना इश्क़ है,
ये जानते हुए भी कि तुम बिजी हो,
फिर भी बार-बार तुम्हारे मैसेज के लिए फोन चेक करना इश्क़ है,
तुम्हारी छोटी से छोटी बात को समझना इश्क़ है,
चाहे जो कुछ भी हो जाये,
तुमसे गुस्से और नाराज़गी में भी अपना प्यार कम ना करना इश्क़ है,
तेरी यादों में खोया रहना है इश्क़,
तुम्हारे रंग में रंगना है इश्क़,
इश्क़ है तेरे संग रहना,
सिर्फ एक तेरी होकर रहना है इश्क़।
No comments:
Post a Comment