Friday 3 May 2024

जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 7



लेक्चर के दौरान अयांश आहना का हाथ पकड़कर बैठा हुआ था। निखिल ने जब ये देखा तो उसे गुस्सा आने लगा क्योंकि वो भी आहना को पसंद करता था। लेक्चर के बाद अयांश आहना के साथ कैंटीन चला आया। निखिल भी उनका पीछा करते हुए कैंटीन पहुँचा। वो उसी टेबल पर बैठ गया जहाँ अयांश और आहना बैठे थे और कहा, “हैलो, लव बर्ड्स। क्या मैं तुम दोनों को डिस्टर्ब तो नही कर रहा?” 


“निखिल, तु ठीक तो है?” अयांश ने पूछा।


“मैं तो ठीक हूँ लेकिन तुम दोनों को क्या हुआ है?” निखिल  ने गंभीर होकर पूछा। 


"तुम किस बारे में बात कर रहे हो, निखिल ?" अयांश ने ऐसा जताते हुए पूछा जैसे उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा हो पर वो समझ चुका था की निखिल  क्या कहना चाहता है। 


निखिल  मुस्कुराया और कहा, “तुम दोनों को नही लगता की तुम दोनों एक दूसरे के साथ कुछ ज्यादा ही टाइम स्पेंड कर रहे हो।” 


“निखिल, ऐसा कुछ नही है जैसा तू सोच रहा है। हम बस बेस्ट फ्रेंड्स है इसलिए साथ रहते है।” अयांश ने कहकर आहना की तरफ देखा और कहा, “आहना, अब हमें चलना चाहिए। मुझे कुछ जरूरी काम भी है।”


आहना ने हाँ में सर हिलाया और उठ खड़ी हुई। वो दोनों निखिल  को बाय कहकर कैंटीन से निकल गए। उन्हें साथ जाता देख निखिल  ने सोचा, “इससे पहले की देर हो। मुझे आहना को बता देना चाहिए की मैं उससे प्यार करता हूँ पर पहले ये पता लगाना होगा की आहना और अयांश के बीच क्या चल रहा है और ये बात मुझे सिर्फ आहना ही बता सकती है।” 


कुछ वक्त इंतजार करने के बाद, निखिल  ने आहना का नंबर डायल किया। आहना अयांश के साथ गाड़ी में थी जब उसका फोन बजा। उसने अपना फोन देखा तो स्क्रीन पर निखिल  का नाम देख उसे बहुत अजीब लगा क्योंकी अभी थोड़ी देर पहले ही वो उससे मिलकर कॉलेज से निकली थी।


“किसका फोन है?” अयांश ने रोड पर ध्यान लगाते हुए पूछा।


आहना ने बिना कुछ कहे अपना फोन अयांश के सामने कर दिया। उसके फोन की स्क्रीन पर निखिल  का नाम देखकर अयांश हैरान रह गया और कहा, “ये तुम्हें क्यों फोन कर रहा है?”


“मुझे कैसे पता होगा, अयांश?” आहना ने परेशान होते हुए कहा।


“फोन को स्पीकर पर लगाके बात करो। मैं सुनना चाहता हूँ ये तुमसे क्या कहता है।” अयांश ने कहा। 


“ठीक है।” कहते हुए आहना ने कॉल उठाई और फोन स्पीकर पर लगाकर कहा, “हैलो।” 


“हैलो आहना, क्या तुम अयांश के साथ हो?” निखिल ने जल्दी से पूछा।


आहना ने पहले गाड़ी चला रहे अयांश की तरफ देखा और कहा, “नही, मैं अकेली हूँ।” 


“आहना, मैं तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त हूँ और अयांश का भी तो तुम मुझे बता सकती हो ना की अयांश और तुम्हारे बीच क्या चल रहा है। क्या तुम दोनों को प्यार हो गया है एक दूसरे से?” निखिल  ने पूछा। 


“ऐसा कुछ भी नही है, निखिल।” आहना ने कहा पर निखिल को उसकी बात पर यकीन नही हुआ और उसने कहा, “आहना, मैं समझ चुका हूँ कुछ तो है तुम दोनों के बीच में। कहीं अयांश ने तुम्हें इस बारे में किसी को भी बताने के लिए मना तो नही किया।” 


“अयांश ने मुझसे कुछ भी नही कहा है निखिल। जब ऐसा कुछ है ही नही तो क्या बताऊं तुम्हें मैं।” आहना ने कहा। 


“तो फिर तुम दोनों एक साथ इतना ज्यादा क्यों रहते हो? प्यार करते हो ना तुम दोनों एक दूसरे से?” निखिल ने पूछा।


अयांश समझ चुका था की निखिल इस बारे में जानकर ही रहेगा इसलिए उसने अपना सिर हिलाकर आहना को हाँ बोलने के लिए कहा।


“हाँ, हम एक दूसरे से प्यार करते है।” आहना ने धीरे से कहा जिससे निखिल का दिल टूट गया।


“आहना, ये…” निखिल अपनी बात पूरी कह पाता इससे पहले ही आहना ने उसे पूछा, “तुम क्या चाहते हो, निखिल ?” 


“आहना, मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ।” निखिल ने कहा जिसे सुनते ही अयांश ने गुस्से में अपनी मुट्ठी भींच ली जैसे कि वह कॉल पर ही निखिल को मार देगा। आहना अयांश को इस तरह देखकर घबरा गई। 


“निखिल , सबसे ज्यादा ज़रुरी ये है कि मैं किसे पसंद करती हूँ।” आहना ने कहा और जल्दी से कॉल काट दी। 


उसने अयांश का हाथ पकड़ा जैसे वो अयांश से कहना चाह रही हो की वो सिर्फ उसकी है और उसकी ही रहेगी। अयांश ने उसकी ओर देखा और कहा, "निखिल के साथ ध्यान से रहना।” 


“अयांश, जब तक तुम मेरे साथ हो कोई मेरे साथ कुछ गलत नही कर सकता।” आहना ने अयांश को समझाने के लिए कहा लेकिन अयांश का दिल यह समझने के लिए तैयार नही था और उसे यकीन था कि निखिल आहना के साथ कुछ गलत करने की कोशिश करेगा। 


अयांश ने गाड़ी आहना के घर के सामने रोकी और कार से बाहर निकल गया। आहना भी गाड़ी से नीचे उतरी। अयांश ने उसे गले लगाया और कहा, "मेरे टेडी बियर का ध्यान रखना और याद रखना जो मैंने तुमसे कहा है। निखिल के आसपास ध्यान से रहना।” 


आहना ने मुस्कुराते हुए उसके गाल को छुआ और फिर अपने घर के अंदर जाने लगी। अयांश तब तक वहीं खड़ा रहा जब तक आहना उसकी आँखों से ओझल नही हो गई।  


दिन बीतने लगे और कबीर पूरी तरह से ठीक हो गए। अयांश का बर्थडे आने वाला था इसलिए आहना छुट्टी वाले उसके लिए गिफ्ट लेने कबीर के साथ मार्केट के लिए निकल गई। कबीर को अपने किसी दोस्त से मिलने जाना था इसलिए वो आहना को मार्केट में छोड़कर वहाँ चले गए। जिस वक्त आहना अयांश के लिए गिफ्ट लेकर दुकान से बाहर आई उसी वक्त अयांश भी साइड वाली ज्वेलर्स की दुकान के अंदर गया पर आहना की नजर उस पर नही गई और वो घर आ गई। 


मार्केट से आने के बाद वो आराम से हाल में जूस पीते हुए कोई नोवेल पढ़ने लगी। आहना जूस का एक और ग्लास लेने के लिए उठी ही थी की तभी दरवाजे की बेल बजी।   


“पापा इतनी जल्दी वापिस आ गए। उन्होंने तो कहा था उन्हें आने में देर हो जाएगी।” सोचते हुए आहना दरवाजे की ओर बढ़ गई और दरवाजा खोला तो देखा कि सामने निखिल खड़ा था। उसे देखकर आहना घबरा गई। निखिल उसकी घबराहट का अंदाजा ना लगा सके इसलिए उसने मुस्कुराते हुए कहा, "निखिल , तुम यहाँँ। अंदर आओ ना। ” 


निखिल अंदर आया और हॉल में सोफे पर बैठ गया। आहना उसके सामने बैठ गई और पूछा, "तुम्हें कोई जरूरी काम था?”


“नही, आहना।”, कहते हुए निखिल उठा और आहना के पास आकर बैठ गया। ये देख आहना उठने लगी तो निखिल ने उसका हाथ पकड़ लिया। आहना ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन निखिल  की पकड़ बहुत मजबूत थी। 


“निखिल, मेरा हाथ छोड़ो।” आहना ने चिल्लाते हुए कहा। 


“नही छोड़ूंगा मैं तुम्हारा हाथ। तुम्हें पता है कि मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ फिर भी तुम हर वक्त अयांश के साथ रहना चाहती हो। उसमें ऐसा क्या खास है जो मुझमें नही है?” निखिल ने उसके हाथ पर अपनी पकड़ और मजबूत करते हुए कहा जिससे आहना को दर्द हुआ और वो रोने लगी। 


अचानक से अयांश वहाँ आ गया। जब उसने देखा की निखिल ने आहना का हाथ कसकर पकड़ रखा है और वो रो रही है तो गुस्से में उसने अपनी मुट्ठी भींच ली पर निखिल का उसपर कोई ध्यान नही जाता। आहना जो की लगातार अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, जैसे ही उसने अयांश को वहाँ देखा वो मुस्कुराने लगी। अयांश ने अपनी पलके झपकाकर उसे एहसास दिलाया कि वह अब सुरक्षित है। 


निखिल ने जब महसूस किया कि आहना अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश नही कर रही है तो उसने आहना को देखा जो सामने देखते हुए मुस्कुरा रही थी। आहना को ऐसे मुस्कुराता देख निखिल ने भी उस तरफ देखा जहाँ वो देख रही थी। अयांश को वहाँ देखकर निखिल हैरान हो गया और उसने जल्दी से आहना का हाथ छोड़ते हुए उसके बारे में कहा, “देख अयांश, ये तेरे साथ प्यार करने का सिर्फ नाटक करती है। अभी ये मेरे करीब आना चाह रही थी।” 


निखिल की बात सुनकर अयांश को गुस्सा आया क्योंकि निखिल आहना के बारे में गलत बोल रहा था। अयांश ये बात कैसे बर्दाश्त कर सकता था की आहना के बारे में कोई कुछ गलत बोले इसलिए उसने पूछा, "सच में, फिर तूने इसका हाथ क्यों पकड़ रखा था?” निखिल अयांश की आँखों में गुस्सा साफ देख पा रहा था। 


“जा यहाँँ से नही तो मैं तुझे मार दूंगा।” निखिल कुछ कहता इससे पहले ही अयांश ने उससे गुस्से में कहा। निखिल ने उन दोनों को देखा और वहाँ से चला गया।


Continued in जिंदा रहती है हमेशा मोहब्बतें - 8

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