तेरे शहर में आना,
जिसकी खूबसुरती को मैं इस बार,
तेरे बिना ही दोबारा जी आयी हूँ,
जो जगहें कभी तेरे साथ घूमी थी,
आज अकेले उन जगहों से हो आई हूँ,
मैं तेरे शहर में,
अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।
वो लॉकेट जो तुमने,
मुझे प्यार से पहनाया था,
उससे खुदसे दूर कर,
मैं उसे तेरे शहर की नदी में बहाकर,
तेरे शहर के ही हवाले कर आयी हूँ,
जो नादानी मैं तेरे आगे,
प्यार में दिखाया करती थी,
उस नादानी,
और हमारे प्यार की कहानी को ख़त्म कर,
मैं अपनी तन्हाई की कहानी की शुरुआत,
तेरे शहर में लिख आई हूँ,
मैं तेरे शहर में,
अपनी कहानी छोड़ आई हूँ।
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